यूरोप में गूगल फिर संकट में
यूरोपीय कमीशन ने गूगल पर अपना दबाव बढ़ा दिया है. कमीशन का आरोप है कि गूगल ने इंटरनेट शॉपिंग पर अपने प्रभाव का ग़लत इस्तेमाल किया है और इसका असर कंपटीशन पर पड़ा है. यूरोपीय कमीशन ने गूगल पर पहले से ही यह आरोप लगाया है कि वह शॉपिंग के लिए सर्च करने पर ख़ास कंपनियों को बढ़ावा देता है. गूगल पर यह आरोप भी लगाया गया है कि उसने दूसरे सर्च इंजन प्रतिद्वंद्वियों के वेबसाइट्स के लिए रुकावट खड़ी की है.
यूरोपीय यूनियन के प्रतिस्पर्धा आयुक्त मार्ग्रेट वेस्टेयर ने कहा है कि गूगल को अपने प्रतिद्वंद्वियों को रोकने का कोई अधिकार नहीं है.उनका कहना है, “गूगल कई नए और अनोखे प्रोडक्ट्स लेकर आया है, जिससे हमारे जीवन में बड़ा बदलाव आया है. लेकिन यह गूगल को दूसरी कंपनियों को कुछ नया करने और आगे बढ़ने से रोकने का कोई अधिकार नहीं देता है.” अमरीकी कंपनी गूगल पहले से ही आधिकारिक रूप से एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम में अपने प्रभाव के ग़लत इस्तेमाल के आरोप में दावा झेल रहा है. गूगल पर आरोप है कि उन्होंने एंड्रायड इस्तेमाल करने वाली कंपनियों के सामने भारी मांग रखकर कंपटीशन को ख़त्म करने की कोशिश की है. गुरुवार को गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमें यकीन है कि हमारी नई खोज और बेहतर प्रोडक्ट्स ने यूरोपीय ग्राहकों की पसंद का दायरा बढ़ाया है और इससे कंपटीशन भी बढ़ा है. हम यूरोपीय कमीशन के नए केस की जाँच करेंगे और आगे इस पर विस्तार से अपनी बात रखेंगे.”