यहाँ होती हैं मछलियों की बारिश
एजेंसी/ शायद हमने आज तक नहीं सुना होगा कि जिस तरह से बारिश के दौर में पानी बरसता हैं. वैसे ही आसमान से मछलियों की बारिश भी होती हैं. और इसमें एक दो नहीं बल्कि अनगिनत मछलियाँ पानी के साथ जमीन पर गिरती हैं. यह घटना विश्व के कुछ हिस्सों में ही नहीं बल्कि भारत में भी होती हैं.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आसमान से मछलियों कि बारिश कैसे हो सकती हैं. किन्तु यह सच हैं. और बारिश भी ऐसी होती हैं जिससे सड़के पट जाती हैं. दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां 100 सालों से मछलियों की बारिश होती है. यह जगह लेटिन अमेरिकन कंट्री होंडुरास की राजधानी योरो हैं. जहां हर साल गर्मियों में ‘मछलियों की वर्षा’ के कारण इसे रेंस ऑफ फिश मौसम फेस्टिवल के रूप में मनाते हैं. इसके पीछे उनकी प्राचीन मान्यता जुडी हुई हैं.
इसके आलावा एशिया में और भी ऐसे देश हैं जहां पर मछलियों कि बारिश होती हैं. इनमे श्री लंका, सिंगापूर सहित भारत में कई हिस्सों में भी ऐसी घटनाएं देखी जा सकती हैं. इस रहस्य्मयी घटना पर वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए तथ्य से यह भी स्पष्ट हुआ हैं कि यह घटनाएं जल स्तंभ या बवंडर के कारण होती हैं, जब बवंडर समुद्र तल को पार करते हैं तो ऐसी स्थिति में पानी के भीषण तूफान में बदल जाते हैं. और इसी तूफान में मछलियाँ सहित कई बार बहुत सारे समुद्री जिव फंस जाते हैं, जिसकी वजह से यह तूफान इन्हे अपने साथ ले जाता हैं.
इस तूफान के कारण जहां भी बरसात होती हैं वहां पर ये पानी के जीव बारिश के रूप में गिर जाते हैं. जिसे हम मछलियों कि बारिश कहते हैं. वैज्ञानिक बिल इवांस की एक पुस्तक के अनुसार पानी के प्राणी सालभर में करीब 40 बार बारिश के पानी के साथ आसमान से नीचे गिरते हैं.