भारत से 3 पत्रकारों को निकालने पर बौखलाया चीन
बीजिंग। भारत की ओर से चीन के तीन पत्रकारों के वीजा की अवधि बढ़ाने से इंकार किए जाने पर चीन के एक सरकारी दैनिक अखबार ने भारत को चेतावनी दी है। मीडिया का कहना है कि यदि यह कदम एनएसजी में भारत की सदस्यता हासिल करने की कोशिश में चीन द्वारा उसका साथ न दिए जाने की प्रतिक्रिया है तो इस बात के ‘गंभीर परिणाम’ होंगे।
‘द ग्लोबल टाइम्स’ के संपादकीय में कहा गया है कि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चूंकि चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के शामिल होने का विरोध किया, इसलिए भारत अब बदला ले रहा है। यदि नई दिल्ली वाकई एनएसजी सदस्यता के मुद्दे के चलते बदला ले रही है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
ग्लोबल टाइम्स’ ने संपादकीय में कहा कि वीजा की अवधि नहीं बढ़ाए जाने के लिए कोई आधिकारिक कारण नहीं दिया गया। कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों का दावा है कि इन तीन पत्रकारों पर फर्जी नामों का इस्तेमाल कर दिल्ली और मुंबई के कई प्रतिबंधित विभागों में पहुंच बनाने का संदेह है। ऐसी रिपोर्ट भी है कि इन पत्रकारों ने निर्वासित तिब्बती कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
समाचार पत्र ने भारत में अपने पूर्व संवाददाता लु पेंगफेई के हवाले से कहा कि चीनी पत्रकारों को साक्षात्कार लेने के लिए फर्जी नामों का इस्तेमाल करने की कतई आवश्यकता नहीं है और संवाददाताओं के लिए दलाई लामा समूह का साक्षात्कार लेने का अनुरोध करना पूरी तरह सामान्य बात है। ‘भारत द्वारा संवाददाताओं का निष्कासन एक तुच्छ कार्य है’ शीषर्क से छपे संपादकीय में कहा गया कि इस कदम ने नकारात्मक संदेश भेजे हैं और इससे चीन और भारत के बीच मीडिया संवाद पर निस्संदेह नकारात्मक असर पड़ेगा।
इसमें दावा किया गया है कि एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करके चीन ने कुछ अनुचित नहीं किया। उसने ऐसा करके इस नियम का पालन किया कि सभी एनएसजी सदस्यों के लिए अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है। समाचार पत्र ने कहा कि भारत का दिमाग शंकालु है। चीनी संवाददाता भले ही लंबी अवधि के वीजा के लिए आवेदन दें या किसी अस्थायी पत्रकार वीजा के लिए आवेदन दें, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। भारत के साथ काम करने वाले अन्य चीनी लोगों ने भी भारतीय वीजा प्राप्त करने में मुश्किलें पेश आने की शिकायतें की हैं। इसके विपरीत, भारतीयों के लिए चीनी वीजा प्राप्त करना बहुत आसान है। हमें इस बार वीजा मामले पर, अपनी प्रतिक्रिया दिखाने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। हमें कम से कम कुछ भारतीयों को यह एहसास कराना चाहिए कि चीनी वीजा प्राप्त करना भी आसान नहीं है।