असम: राजनाथ सिंह ने बाढ़ का जायजा लिया
गुवाहाटी| केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को असम के बाढ़ प्रभावित नागांव व मोरीगांव जिला तथा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया और हालात से निपटने के लिए राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए राज्य सरकार को एक प्रभावी कार्य योजना बनाने के लिए भी कहा। सर्वेक्षण के दौरान राजनाथ के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जितेंद्र सिंह, असम के मुख्यमंत्रीसर्बानंद सोनोवाल, असम के वित्तमंत्री हेमंत विश्व शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी थे। गृहमंत्री ने मोरीगांव जिले में जोगीरोड के निकट एक राहत शिविर का भी दौरा किया और वहां लोगों से बातचीत की।
नई दिल्ली रवाना होने से पहले लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (एलजीबीआई) पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैंने हालात का जायजा लेने के लिए मोरीगांव, नागांव तथा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बाढ़ प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया। मुझे महसूस हुआ कि हालात वाकई में गंभीर हैं। मैंने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव तरीके से मदद करने के लिए कहा है और हालात से निपटने में केंद्र सरकार राज्य सरकार की हर संभव मदद करेगी।”
उन्होंने कहा कि राज्य के 28 जिलों में आई बाढ़ से लगभग 36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राजनाथ ने कहा, “बाढ़ के कारण बीते एक सप्ताह में 26 लोगों की मौत हुई है।” राज्य सरकार हालात से जिस तरह से निपट रही है, उसके लिए उन्होंने प्रशंसा की।
बाढ़ से निपटने के लिए असम को वित्तीय पैकेज के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत राज्य सरकार के पास 620 करोड़ रुपये हैं और बाढ़ से निपटने के लिए जरूरत पड़ने पर और राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा, “पहले इस राशि का इस्तेमाल होने दीजिए, केंद्र और धन देगा। राज्य सरकार के लिए धन कोई बाधा नहीं बनने जा रही।”
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने पहले ही मुझे एक ज्ञापन सौंपा है और दिल्ली पहुंचने के बाद हम ज्ञापन की सारी मांगों पर विचार करने जा रहे हैं। केंद्रीय दल के राज्य का दौरा करने और बाढ़ के कारण कुल क्षति के आकलन के बाद केंद्र राज्य सरकार को और राशि देगा।”
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य अपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) तथा सेना जैसी एजेंसियों के कार्यो की प्रशंसा करते हुए राजनाथ ने कहा कि असहाय लोगों की सहायता करने के लिए वे संबंधित जिला प्रशासन के साथ मिलकर प्रभावी ढंग से कार्य कर रहे हैं और पिछले कुछ दिनों के दौरान छह हजार से अधिक लोगों की जान बचाई है। राजनाथ ने इस बात पर खुशी जताई कि असम के जन प्रतिनिधि अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ हैं।
असम में बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से समस्या का समाधान नहीं होगा। हमें बाढ़ के कारणों और इसके समाधान को ढूंढना होगा। हमने इस संबंध में राज्य को पहले ही एक कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा है।
राजनाथ ने जोर देते हुए कहा कि बाढ़ को रोकने के लिए अल्पकालीक उपाय के तौर पर राज्य में नदियों के तटबंधों को मजबूत और मरम्मत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि असम में बाढ़ के समाधान के लिए केंद्र सरकार कुछ दीर्घकालीक उपायों पर विचार कर रही है।