डोपिंग विवाद, टेनिस में आपसी अहम का विवाद, बॉक्सिंग में खेल महासंघ के गठन नहीं होने का विवाद, हॉकी में कप्तानी, ड्रेस आदि से लेकर ओलंपिक खेल गांव में खराब सुविधाओं तक का विवाद। तमाम तरह के विवादों के बीच गए भारत के आज तक के सबसे बड़े ओलंपिक दल के लिए देश को नई बुलंदियों तक ले जाने की चुनौती शुक्रवार से शुरू हो रही है। शुक्रवार से शुरू हो रहे रियो ओलंपिक के महादंगल में 118 खिलाडि़यों के भारतीय दल के हर सदस्य के सामने 125 करोड़ देशवासियों की उम्मीदों को परवान चढ़ाने के साथ ही लंदन ओलंपिक की रिकॉर्डतोड़ पदक विजय को पछाडऩे का भी दबाव होगा।
भारत ने चार साल पहले लंदन ओलंपिक में दो रजत और चार कांस्य सहित छह पदक जीते थे लेकिन इस बार इस संख्या के दोगुना होने की उम्मीद की जा रही है। दुनिया की जानी-मानी रेटिंग एजेंसी प्राइसवाटरहाउसकूपर्स ने भारत के 12 पदक जीतने और टॉप-20 देशों में पहुंचने की भविष्यवाणी की है। प्राइसवाटरहाउसकूपर्स ने लंदन ओलंपिक में भारत के छह पदक जीतने की भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुई थी। एेसे में इस बार भी उसकी भविष्यवाणी को गंभीरता से लिया जा रहा है।
कई दिग्गज नहीं है पिछली बार के
लंंदन ओलंपिक के दो रजत पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और निशानेबाज विजय कुमार तथा कांस्य पदक विजेता महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम इस बार टीम में नहीं है। लेकिन टीम में कई ऐसे विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं, जिनका लोहा दुनिया मानती है।
बीजिंग ओलंपिक में देश के लिए एकमात्र स्वर्ण जीतने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, लंदन ओलंपिक के कांस्य विजेताओं में शामिल निशानेबाज गगन नारंग, बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल, पहलवान योगेश्वर दत्त तो मौजूद हैं ही, लेकिन इनके साथ निशानेबाज जीतू राय, डोपिंग में जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई लड़कर रियो का मौका हासिल करने वाले पहलवान नरसिंह यादव, दुनिया की नंबर एक महिला युगल टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, रिकॉर्ड 7वां ओलंपिक खेलने उतर रहे टेनिस के एकमात्र ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, रोहन बोपन्ना, मुक्केबाज शिवा थापा व विकास कृष्णन पर दारोमदार होगा।
तीरंदाज दीपिका कुमारी, डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा व सीमा पूनिया, जिमनास्ट दीपा करमाकर, कई दशक बाद देश को महिला स्प्रिंट की ओलंपक स्पर्धाओं में प्रवेश दिलाने वाली दुती चंद व श्रावणी नंदा 36 साल बाद पहली बार ओलंपिक टिकट हासिल करने वाली महिला हॉकी टीम के साथ ही रिकॉर्ड 34 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता बनकर रियो पहुंची पुरुष हॉकी टीम भी किसी से कम नहीं है।