नई दिल्ली। भगवान नटराज की विशाल प्रतिमा के आगे धार्मिक रस्में निभाते कुछ लोग। इससे पहले कि आप कुछ समझ सकें, एक आदमी आगे बढ़ता है और वहीं एक महिला की बलि चढ़ा देता है। यह सब कुछ होता है विज्ञान की दुनिया में सबसे बड़ी खोज कर रही जेनेवा स्थित यूरोपीय प्रयोगशाला सीईआरएन के प्रांगण में।
जी हां, यह सब पढ़कर आप जितना चौंक रहे हैं, लार्ज हेड्रॉन कोलाइडर के जरिये ईश्वरीय कण की खोज में लगी सीईआरएन में मानव बलि का वीडियो देखकर पूरी दुनिया कुछ ऐसे ही चौंक उठी। देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया। हालांकि सुकून की बात ये है कि यह सब कुछ असली नहीं था।
लोगों की ओर से आ रहे सवालों के जवाब में सीईआरएन ने बताया कि यह वीडियो बनाकर किसी ने भद्दा मजाक किया है। यहां ढेरों लोग घूमने आते हैं। निश्चित रूप से उनमें से ही कुछ लोगों ने यह वीडियो बनाया होगा। वीडियो में दिख रहे लोगों ने हुड पहना हुआ है, जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाई है। प्रवक्ता ने बताया कि वीडियो सीईआरएन के प्रांगण में ही बना है, लेकिन बिना जानकारी और अनुमति के। सीईआरएन ऐसे मजाक को बढ़ावा नहीं देता क्योंकि इससे वैज्ञानिक धारणाओं को चोट पहुंचती है।
उल्लेखनीय है कि वीडियो में दिख रही भगवान नटराज की मूर्ति भारत सरकार की ओर से सीईआरएन को भेंट की गई है। भगवान नटराज के तांडव नृत्य को वैज्ञानिकों द्वारा परिकल्पित परमाण्विक कणों के टकराव से बने दृश्य का प्रतीक माना गया है। सीईआरएन के वैज्ञानिक विशेष प्रयोग के जरिये दुनिया की उत्पत्ति के मूल कण की तलाश में लगे हैं। इसे गॉड पार्टिकल यानी ईश्वरीय कण कहा गया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यही कण किसी भी वस्तु के द्रव्यमान का कारण होता है। वैज्ञानिक प्रयोगशाला में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न करने के प्रयास कर रहे हैं, जैसी ब्रह्माांड की उत्पत्ति के समय रही होंगी। कुछ लोग इस परियोजना का यह कहते हुए विरोध भी कर रहे हैं कि इससे पूरी धरती किसी ब्लैक होल में बदल सकती है। या इससे उत्पन्न ऊर्जा से पूरी धरती नष्ट हो सकती है।