ट्विटर सेवा हासिल करने वाला यूपी देश का पहला राज्य,
लखनऊ। जिस तरह से यूपी पुलिस सपा शासनकाल में हमेशा निशाने पर रही है उसे देखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी की कानून व्यवस्था को खुद सुधारने का जिम्मा लिया है।
एक तरफ जहां उन्होंने आज तमाम शहरों के कप्तान व डीएम को तलब किया है तो दूसरी तरफ यूपी पुलिस ने लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराने की सुविधा मुहैया कराई है।
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अलग से बनाया गया है विशेष सॉफ्टवेअर
अब लोग ट्विटर के जरिए भी अपनी शिकायत पुलिस को दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए ट्विटर इंडिया ने यूपी पुलिस को शिकायतों को ट्रैक करने के लिए विशेष ट्रैकिंग सॉफ्टवेअर ट्विटर सेवा देने की पेशकश की है। इस सुविधा की शुरुआत रेडियो मुख्यालय में गुरुवार को की जाएगी।
75 जिलों के प्रतिनिधि वर्कशॉप में सीखेंगे कार्यप्रणाली
ट्विटर इंडिया के एमडी आरएस जेटली व सीईओ राहील खुर्शीद इस सेवा को गुरुवार को लखनऊ में लॉच करेंगे। इस मौके पर यूपी के डीजीपी जावीद अहमद भी मौजूद रहेंगे। डीजीपी ने कहा कि इसके लिए बकायदा दो दिन की वर्कशॉप का आयोजन किया गया है, जिसमें सभी 75 जिलों के प्रतिनिधिकी इसकी कार्यप्रणाली को समझेंगे।
अलग से बनाया गया है ट्विटर सेल
इस सुविधा के लिए बकायदा अलग से ट्विटर सेल को बनाया गया है, जहा सोशल मीडिया पर शिकायत करने वालों को शिकायतों का त्वरित निस्तारण दिया जाएगा। शिकायत करने वाले की जानकारी के आधार पर मामले की जांच संबंधित पुलिस थाने को भेजी जाएगी।
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चुनिंदा विभागों के पास ही थी यह सुविधा
यह ट्विटर सेवा विशेष रुप से लोगों की शिकायत दर्ज करने के लिए बनायी गयी है, जिसके जरिए शिकायतों के निस्तारण पर भी नजर रखी जाएगी । अभी तक यह सेवा मुख्य रूप से पासपोर्ट, रेलवे सुविधा, वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को ही मुहैया करायी गयी थी। लेकिन यूपी पुलिस देश का पहला राज्य बना गया है जिसे ट्विटर सेवा दी गई है।
अब हर शिकायत पर रख सकेंगे नजर
जावीद अहमद ने कहा कि हम ट्विटर इंडिया ने हमें यह सुविधा देने का फैसला लिया, यह सुविधा लोगों की मदद करेगी। यह सेवा हमें इस जानकारी को हासिल करने में मदद करेगी कि कितनी शिकायतों का निपटारा किया गया और कितनों की सुनवाई नहीं हुई।
कैसे होगा शिकायतों का निस्तारण
ट्विटर सेवा का सॉफ्टवेअर ऐसा पटल होगा जहां शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को एक कोड दिया जाएगा जो हर जिले के पास भेजा जाएगा। जिला स्तर पर इस सेवा के लिए जिस ऑफिस को चिन्हित किया जाएगा उसके इन शिकायतों को तीन वर्ग में अलग करना होगा। पहला जो शिकायत दर्ज की गई, दूसरा जिन शिकायतों का निपटारा किया गया और तीसरा चरण जिसमें मामले की पूरी जानकारी नहीं दी गई।
इसके बाद शिकायतकर्ता को जो कोड दिया गया है उसके आधार पर मामले की जांच की जाएगाी और उसका निस्तारण किया जाएगा। शिकायतकर्ता अपनी शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद उस मामले में क्या कार्यवाही की गई और किस चरण पर यह मामला है उसे ऑनलाईन ट्रैक किया जा सकता है।