कश्मीर सुलगाने की नई चाल, पीएम मोदी को खुली चुनौती
श्रीनगर। केन्द्र की मोदी सरकार कश्मीर मुद्दे पर अब अपना रुख साफ कर चुकी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 और आसियान सम्मेलन में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ तीखे बयान देकर सरकार की नीति साफ कर दी है।
हालांकि इन सबके बावजूद कश्मीर में अलगाववादियों पर असर नहीं पड़ता दिख रहा। चोरी-चोरी अलगाववादी लोगों को भड़काने की कोशिशें जारी रखे हुए हैं। हालिया मामला कश्मीर की डेमाक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष शब्बीर शाह से जुड़ा है।
कश्मीर रीडर अखबार के मुताबिक शब्बीर शाह ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाकर बीजेपी इतिहास रच सकती है। लेकिन शाह ने इसके लिए जो तरीका बताया है, वह चुनौती से भरा है। शाह के मुताबिक केन्द्र सरकार को कश्मीर में जनमत संग्रह कराना चाहिए। इसके बाद जो भी नतीजे आएं, उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए।
दरअसल, शब्बीर जानते हैं कि कश्मीर की आवाम अब पाकिस्तान के साथ आना चाहती है। भले ही इसके नतीजे खौफनाक हों, लेकिन कश्मीरी यह समझने को तैयार नहीं।
गुरुवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शब्बीर ने कहा कि वह केन्द्र सरकार से बातचीत को सशर्त राजी हैं। उनकी मांग है कि अगर भारत सरकार संविधान के दूर होकर कश्मीर मुद्दे पर बात करे, तो स्वागत किया जाएगा।
शब्बीर ने कहा कि कश्मीर में कानून-व्यवस्था बड़ी मुश्किल नहीं है। लेकिन यह पूरे भारत के भविष्य से जुड़ा हुआ मुद्दा है। जनमत संग्रह तय कर देंगे कि कश्मीर किसके साथ जाना चाहता है। उन्होंने कहाकि कश्मीर में शांति का यही तरीका है। अगर भाजपा सरकार इसे तरीके को अपनाए तो इतिहास बदल सकता है।