खाते में थे 18 रुपए, खरीद ली आई-20 कार
बैंक खाते में 18 रुपए बैलेंस था, लेकिन फर्जीवाड़ा कर वह आई-20 का मालिक बन गया। बोकारो के हुंडई शोरूम ‘रंजू ऑटोमोबाइल’ के कर्मियों को झांसा देकर नई आई-20 कार धनबाद मंगा ली और अपने खाली बैंक खाते का आठ लाख 71 हजार रुपए का चेक थमा दिया। लेकिन उसकी जालसाजी पुलिस के सामने फीकी पड़ गई और 72 घंटे के अंदर वह कार के साथ पकड़ा गया।
14 सितंबर को धनबाद के भिस्तीपाड़ा का राहुल कुमार उर्फ अंकित और उसके दोस्त धनंजय कुमार उर्फ विवेक ने मिलकर साजिश रची। राहुल ने ‘रंजू ऑटोमोबाइल’ के प्रतिनिधि भोला सिन्हा को फोन कर आई-20 खरीदने की इच्छा जताई। उन्हें बताया कि उसे लाल रंग की कार खरीदनी है, धनबाद में लाल रंग की आई-20 नहीं है। इसके बाद धनंजय ने भोला को फोन कर अपना परिचय एसबीआइ हीरापुर ब्रांच के लोन मैनेजर के रूप में दिया। उसने कहा कि राहुल का लोन हो गया है। फिलहाल वह तुम्हें 8.71 लाख का चेक देगा।
15 सितंबर को एसबीआइ का ड्राफ्ट दे दिया जाएगा, तब आप चेक लौटा दीजिएगा। राहुल और धनंजय के झांसे में आकर भोला सिन्हा कार लेकर बोकारो से धनबाद आ गए। मेमको मोड़ के पास राहुल ने कार की डिलीवरी ली और एचडीएफसी हीरापुर ब्रांच का 8.71 लाख रुपए का चेक भोला को थमा दिया।
भोला सिन्हा 15 सितंबर को लोन का ड्राफ्ट लेने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि एसबीआइ में कोई लोन मैनेजर का नाम धनंजय नहीं है। इसके बाद भागे-भागे वह एचडीएफसी पहुंचे और चेक की जांच कराई तो उनके होश उड़ गए। पता चला कि खाते में महज 18 रुपए हैं। भोला सिन्हा को जब ठगे जाने का विश्वास हो गया तो उन्होंने धनबाद थाने पहुंच कर इंस्पेक्टर अखिलेश्वर चौबे को पूरी घटना की जानकारी दी।