22 जनवरी 1980 का दिन था. मौका था ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी का। भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री के बड़े से बड़े नाम वहाँ मौजूद थे।
अमिताभ बच्चन अपनी पत्नी जया और माता-पिता के साथ वहाँ पहुंचे हुए थे और एक कोने में खड़े होकर मनमोहन देसाई से बात कर रहे थे। जया अपनी सास तेजी बच्चन के साथ बैठी हुई थीं, तभी अचानक रेखा ने एंट्री ली। उन्होंने ख़ूबसूरत सफ़ेद साड़ी पहन रखी थी और उनके माथे पर एक लाल बिंदी लगी हुई थी। लेकिन जो चीज़ सबसे ज़्यादा लोगों का ध्यान अपनी तरफ़ खींच रही थी वो था उनकी माँग के बीच लगा सिंदूर।
उनको देखते ही फ़ोटोग्राफ़रों के कैमरे नीतू और ऋषि को छोड़ कर उनकी तरफ़ मुड़ गए थे। थोड़ी देर बाद रेखा पार्टी से चली गईं थीं, लेकिन वो अपने पीछे कई अनुत्तरित सवाल छोड़ गईं थीं जो लोगों के ज़हन में महीनों तक रहे।