यूपी चुनाव में जयंत चौधरी होंगे आरएलडी का चेहरा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल जयंत चौधरी के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने दी।
किसी दल से गठबंधन नहीं
लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में रालोद प्रमुख ने कहा कि चुनाव में गठबंधन को लेकर उनकी किसी भी दल से कोई बात नहीं हो रही है।
आरएलडी फिलहाल अकेले चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कैराना पलायन को लेकर आई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि 346 परिवारों के पलायन की सूची में महज छह परिवारों से बातचीत कर तैयार की गई इस रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है।
चौधरी अजित सिंह ने कहा कि कुछ राजनैतिक घटनाओं (गुजराज में दलित आंदोलन, स्वामी प्रसाद मौर्य प्रकरण, बीजेपी नेता की मायावती पर टिप्पणी और जवाब में बीएसपी नेताओं की टिप्पणी आदि) से यूपी का वातावरण बदला है। चुनाव नजदीक हैं, लेकिन जनता असमंजस में है। जनता जितना आज परेशान है, पहले कभी नहीं रही। किसी भी दल की नीति स्पष्ट नहीं है। पीएम विकास की बात करते हैं, लेकिन उसका कोई ब्लू प्रिंट नहीं है। कुछ किलोमीटर की मेट्रो चला देना और एक एक्सप्रेस-वे बनवा देना विकास नहीं होता।
सपा में उत्तराधिकार की लड़ाई
अजित सिंह ने कहा, जितना वह लोहिया के बारे में जानते हैं, वह परिवारवाद के खिलाफ थे, लेकिन उनका नाम लेकर समाजवादी पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है। समाजवादी पार्टी में चल रही लड़ाई, परिवार और बाहरी की नहीं। भ्रष्टाचार के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को हटाए जाने की नहीं, बल्कि उत्तराधिकार की है। लड़ाई इस बात की है कि कौन समाजवादी पार्टी पर कब्जा करेगा। इस हालत में समाजवादी पार्टी की दोबारा सरकार बनने से रही।
बीजेपी को सब समझ गए है
बिजनौर हिंसा पर अजित सिंह ने कहा कि अब पश्चिम यूपी के लोग बीजेपी की साजिश समझ चुके हैं, इसीलिए तीन लोगों की हत्या के बाद भी वहां दंगा नहीं हुआ। वहां गोली चलाने वाले बीजेपी के कार्यकर्ता थे। उन्होंने कहा, ‘हमने पश्चिम यूपी में रैलियां की हैं, जिसमें जाटों के साथ मुस्लिमों की भी भारी भीड़ हुई है। इससे स्पष्ट होता है कि वहां के लोग अब बीजेपी के भड़कावे में आने वाले नहीं हैं।’