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ARMY में जाना चाहता था बुरहान, लेकिन आर्मी वालों ने…
NEW DELHI: पिछले महीने KASHMIR में मारा गया हिजबुल कमांडर बुरहान वानी INDIAN ARMY में आना चाहता था। उसके पिता ने खुद ये खुलासा किया है।
बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी कहते हैं कि उनका बेटा पहले इंडियन आर्मी जॉइन करने का ख्वाब देखता था और परवेज रसूल की तरह क्रिकेट खेला करता था। लेकिन आर्मी वालों की बदसलूकी ने सारे सपने तोड़ दिए।
गौरतलब है कि इसी साल 8 जुलाई को बुरहान वानी के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से घाटी में तनाव का माहौल है। रविवार को ही कश्मीर के सभी हिस्सों से कर्फ्यू हटाया गया है।
बुरहान को घर बुलाना चाहते थे लेकिन वो नहीं माना
मुजफ्फर वानी ने कई सवालों का जवाब दिया। अपने बेटे के बारे में उन्होंने बताया कि 5 अक्टूबर 2010 को उसने घर छोड़ दिया था। उसके एनकाउंटर से 2 महीने पहले उन्होंने बुरहान को मनाने की काफी कोशिश की कि वह घर आ जाए, लेकिन वह नहीं माना। मुजफ्फर बताते हैं कि बुरहान 1994 में पैदा हुआ था, इसलिए उसने अपने बचपन में घाटी में सबसे ज्यादा अस्थिरता देखी थी। ऐसे में उसका वह दर्द महसूस करना स्वाभाविक था।
आर्मी में आना चाहता था बुरहान
मुजफ्फर आगे बताते हैं कि बुरहान जब 10 साल का था, तब उसने भारतीय सेना के एक जवान को बताया था कि वह आर्मी जॉइन करना चाहता है। यह ख्वाहिश उसने तब जाहिर की थी, जब वह उनके गांव में मिलिटेंट्स को ढूंढ़ने के लिए सेना सर्च ऑपरेशन चला रही थी। बुरहान को आर्मी की वर्दी बहुत पसंद थी। उसे क्रिकेट से भी प्यार था, और वह भारत के लिए खेलना पसंद करता, न कि पाकिस्तान के लिए।
उरी हमले में पाकिस्तान का हाथ नहीं
उरी हमले पर मुजफ्फर वानी का कहना है कि इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ कैसे हो सकता है। जो भी मिलिटेंट बनने के बाद कश्मीर में दाखिल होता है, वह कश्मीरी है। यहां तक कि भारत से ही कोई मुसलमान यहां आ सकता है। यह कश्मीरी मिलिटेंट्स का हमला भी हो सकता है।
प्रायोजित नहीं थी रविशंकर से मुलाकात
श्री श्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात के बारे में मुजफ्फर कहते हैं कि यह मुलाकात प्रायोजित नहीं थी। मैं हॉस्पिटल गया था तो सोचा कि आश्रम में ही रुक जाया जाए। मैंने सालों पहले श्री श्री को टीवी पर देखा था। मुझे यह भी पता चला था कि डॉ. जाकिर नाइक उनसे मिल चुके हैं। तो मैं क्यों नहीं मिल सकता? हमने कश्मीर पर बात की और उन्होंने मुझसे समाधान के बारे में पूछा।
मैंने कहा कि भारतीय हुक्मरानों को पाकिस्तान से जरूर बात करनी चाहिए। उन्होंने मुझसे पूछा कि बुरहान कैसे घर छोड़कर चला गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह अल्लाह की मर्जी थी।
तीसरा बेटा नहीं उठाएगा बंदूक
मुजफ्फर को इस बात का यकीन है कि उनका तीसरा बेटा बंदूक नहीं उठाएगा और वह इस बात को भी स्पष्ट करते हैं कि वह किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने के इच्छुक नहीं हैँ। बह बस अपनी नौकरी के बचे हुए सालों में बच्चों को पढ़ा-लिखाकर किसी काबिल बनाने की इच्छा ही रखते हैं।