सीरिया में हमले पर आमने-सामने आए रूस और अमेरिका
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया में चल रहे संघर्ष पर रूस और अमेरिका आमने सामने आ गये। अमेरिका ने सीरिया में जारी रूस की कार्रवाई को‘बर्बरता’करार दिया तो वहीं रूस ने कहा कि इसके बिना सीरिया में शांति संभव नहीं है।
पिछले सप्ताह संघर्ष विराम के विफल होने के बाद सीरिया में शांति बहाली के मुद्दे पर की गयी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका और रूस के राजनायिकों के बीच सहमति नहीं बन सकी।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत समांथा पावर ने कहा है, ‘सीरिया में रूस जो कर रहा है, वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं, ‘बर्बरता’है। वहां शांति स्थापना करने की कोशिश की जगह रूस और सीरिया के राष्ट्रपति बसर अल असद वहां युद्ध जारी रखे हुए हैं। वे लोगों की जान बचाने की जगह ये नागरिकों को निशाना बना रहे है। रूस की कार्रवाई में मानवीय सहायता करने वाले समूह और अस्पतालों निशाना बनाया जा रहा है।’
इस मुद्दे पर फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने भी अमेरिका का समर्थन करते हुये रूस पर निशाना साधा। रूस ने हालांकि इन आरोपो को खारिज करते हुये कहा, ‘ सीरिया में सैकड़ों सशस्त्र सेनाएं हैं, जिन्हें हथियार मुहैया करया जा रहा है। वहां अंधाधुंध बमबारी जारी है और अब इसकी वजह से वहां शांति कायम करना अब काफी मुश्किल है।
संयुक्त राष्ट्र के सीरिया संबंधी प्रतिनिधि स्टीफन द मिस्तूरा ने सीरिया में संघर्ष विराम लागू करने के लिये किसी नतीजे पर पहुंचने परिषद से अपील की है। उन्होंने कहा, ‘मुझे अब भी विश्वास है कि हम सीरिया में बदलाव ला सकते हैं। सीरिया में शांति कायम करने की अपनी कोशिशों को मैं जारी रखूंगा।’