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बेटे की परवरिश के लिए मासूम बेटी को जिंदा नाले में फेंका,

aarohi-murde-caseमध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के बहुचर्चित मासूम आरोही हत्याकांड में जिला अदालत ने फैसला सुनाते हुए मासूम की मां को ही उम्रकैद की सजा सुनाई.

जबलपुर के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत ने तीन दिन पहले दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 28 सितंबर की तिथि तय की थी.

लोक अभियोजक ने बताया कि अदालत ने इस मामले में 6 माह की बच्ची आरोही की मां को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.

6 महीने की मासूम को जिंदा नाले में फेंका

ये पूरा मामला सितंबर साल 2014 का है. 7 सितंबर 2014 को जबलपुर के सिविल लाइन से 6 महीने की बच्ची आरोही रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी. जिसके बाद पिता ने पुलिस में कंप्लेन दर्ज करवाई थी. 9 दिनों की जांच में नाकामयाबी मिलने के बाद पुलिस को घटनास्थल के पास बने एक ब्यूटी पॉर्लर का सीसीटीवी फुटेज हासिल हुआ था.

इस सीसीटीवी फुटेज में 7 सितंबर के दिन रितु अपनी स्कूटी पर एक बैग लेकर कहीं गई लेकिन जब वह वापस आई तो बैग नदारद था. इस आधार पर जब पुलिस ने कड़ी पूछताछ की तो रितु ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

रितु ने बताया कि स्कूटी में वो जिस बैग को ले जाती हुई दिख रही थी उस बैग में वो आरोही को लेकर गई थी और उसे मंदिर के पास एक नाले में फेंक आई थी.

रितु ने कहा कि उसने ये कदम अपने बेटे को देखते हुए उठाया. उसका कहना था कि आरोही की देखभाल करने के चक्कर में वो अपने बेटे की देखभाल नहीं कर पा रही थी इसलिए उसने बेटी से छुटकारा पाने के लिए उसे जिंदा ही एक बैग में बंद कर नाले में फेंक दिया.

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