हिमालय कि वादियों की अगर बात की जाए तो यहां का काफी अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। प्राकृतिक वादियों को देखने के लिए लोगों का यहां जमावड़ा लगा ही रहता है। साल में छः से अधिक समय तक बर्फ की सफेद चादर से ढकी रहने वाली हिमाचल की स्पीति घाटी को गोम्पाओं की धरती भी कहा जाता है।
इस घाटी के उत्तर में लद्दाख, पश्चिम में चम्बा और पूर्व में तिब्बत पड़ता है। हिमश्र्वेतिमा और यहां के अजीबो गरीब रीति-रिवाजों के लिए यही घाटी काफी मशहूर है। आपको बता दे कि जब अक्टूवर और नवम्बर का महिना होता है उस समय स्पीति घाटी बर्फ की चादर से ढंकने के कारण बाकि दुनिया से कट जाती है।
यहॉं की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक परिवार से बड़े लड़के को छोड़कर शेष सभी छोटे भाइयों को बचपन से ही गोम्पाओं में भेज दिया जाता हैए जहॉं वे बौद्घ-धर्म की शिक्षा-दीक्षा ग्रहण करते हैं। क्योंकि यहां के लोग बौद्ध धर्म के अनुयायि हैं। इस घाटी की खास बात यह है कि यहां के लोग नाच गाने के बहुत शौकीन होते हैं इसिलिए यहां सालभर उत्सवों का सिलसिला बना ही रहता है यह जगह घूमने के लिहाज से एकदम परफेक्ट है।
अगर आप भी कंही घूमने का मन बना रहें हैं तो एक बार जरूर हिमालय कि इस प्राकृतिक वादियों में जरूर आएं। यहां के लोगो व खान-पान का जमकर लुत्फ उठाएं। स्पीति घाटी के मेलों में लादरचा मेला काफी मशहूर है।