हेडमास्टर खुद आंकेंगे स्कूल की हालत, बनाएंगे प्लान भी
रायपुर, ब्यूरो। शिक्षा गुणवत्ता अभियान के बीच राज्य सरकार अब स्कूलों के लिए शाला सिद्धि योजना चलाएगी। इसमें स्कूलों के हेडमास्टर और प्रिंंसिपल खुद अपने स्कूल की हालत का मूल्यांकन कर उसके लिए डिवेलपमेंट प्लान बनाएंगे। स्कूलों का मूल्यांकन दो तरह से होगा। आंतरिक और बाहरी मूल्यांकन। स्कूलों में छात्र संख्या, भवन, कक्षों की स्थिति, पेयजल, शौचालय, खेल का मैदान, परिसर में हरियाली, बच्चों के खेलने का सामान, स्कूल में प्रतिदिन होने वाली गतिविधियां, रंगाई-पुताई, शिक्षकों की संख्या के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
स्कूलों का कायाकल्प सुधारने के लिए पहल
सिद्ध योजना दूसरे प्रदेशों में चल रही है। इसके तरह राज्य में भी 4 अक्टूबर को एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम किया जा चुका है। जल्द ही इस प्रस्ताव पर अमल किया जाएगा। सिद्धि योजना की मंशा है कि सरकारी स्कूलों को भी प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर उच्च शैक्षणिक गुणवत्ता, बेहतर पर्यावरण, स्वच्छ कक्षाएं, पेयजल, शौचालय, अग्नि सुरक्षा इंतजाम और छात्र मान से शिक्षकों का इंतजाम किया जाएगा।शाला सिद्धि कार्यक्रम के तहत प्रदेश के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाईस्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों का चयन किया जाएगा।
डेवलपमेंट प्लान भी
शाला सिद्धि योजना से स्कूलों में डिवेलपमेंट प्लान स्कूलों की आवश्यकता के अनुसार हो सकेगी। स्कूलों में छात्रों की संख्या देखकर उनके लिए डिवेलपमेंट प्लान तैयार होंगे।