प्रशासन की अनसुनी, 600 ग्रामीण जुट गए 12 किमी सड़क मरम्मत में
दुर्गूकोंदल (शिवचरण सिन्हा)। कांकेर के 8 गांवों में कोई कितना भी बीमार पड़ जाए, एंबुलेंस नहीं आ पाती। इसका प्रमुख कारण है 12 किमी की जर्जर सड़क और इसके साथ ही रास्ते में पड़ने वाले 12 नाले। बरसात के दौरान यह स्थिति और भयानक हो जाती है और लगभग 4 महीने के लिए इन गांवों के लोग अलग-थलग पड़ जाते हैं। गांव वालों को अपनी मूलभूत आवश्यनकताओं के लिए भी बेहद परेशान होना पड़ता है।
सड़क का प्रभाव उनके ऊपर इतना ज्या-दा पड़ा कि उन्होंने बच्चों का स्कूपल जाना ही बंद करवा दिया। इस संबंध में प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन जब काफी समय तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो गांव वालों ने खुद ही कुदाली और फावड़ा उठाने का निर्णय ले लिया। फिर इस समस्याक से निपटने के लिए इस हद तक जुनून चढा़ कि महिला और बच्चेा भी सड़क को ठीक करने में लग गए। छह सौ से अधिक लोग रोज पहाड़ से गिट्टी-पत्थर लाकर सड़क के गड्ढे भर रहे हैं। टिकाऊ बनाने मुरुम भी डालते हैं।