जीवनशैली
धनिए के पांच ऐसे फायदे जो आपको बना सकते हैं निरोगी
हरा धनिया पोलिथीन की थैली में रखने से ताजा रहता है। धनिए का गुण ठंडक पहुंचाना है। यह पित्तनाशक भी होता है। धनिया हरा या सूखा चबाने से मुंह में सुगंध रहती है।
पेट दर्द- पिसा हुआ धनिया और मिश्री पिसी हुई पानी में घोलकर पीने से दर्द ठीक हो जाता है।
ज्वर- हरा धनिया 20 ग्राम, मिश्री 10 ग्राम ये दोनों पीसकर एक कप पानी में घोलकर हर तीन घंटे से पिलाने से ज्वर उतर जाता है। प्यास कम लगती है।
खाने के बाद दस्त- धनिया में काला नमक मिलाकर भोजन के पश्चात एक चम्मच लेने से खाने के बाद दस्त जाने की आदत छूट जाती है। केवल धनिए की फंकी से दस्त बंद हो जाते हैं।
गर्मी के रोग- रात को मिट्टी के बर्तन में दो गिलास पानी में पांच चम्मच सूखा धनिया भोगो दें। प्रात: इसमें स्वाद अनुसार मिश्री मिलाकर पिएं। गर्मी के रोग ठीक हो जाएंगे।
गले में दर्द व जलन- हर तीन घंटे में दो चम्मच सूखा साबुत धनिया चबा चबाकर रस चूसते रहें। यह हर प्रकार के गले के दर्द में लाभदायक है।
पेशाब रुकना- धनिए की हरी पत्तियों का रस आधा कप में स्वादानुसार चीनी मिलाकर पिएं। यदि रुका हुआ पेशाब नहीं आए तो एक घंटे बाद दोबारा पेशाब आ जाएग।