अब फिर से एक साल का होगा बीएड कोर्स
छात्रों के लिए गुड न्यूज! एक बार फिर BEd कोर्स एक साल का हो सकता है। दरअसल #BEd के कोर्स की अवधि को लेकर छिड़ी बहस में एनसीटीई ने कॉलेज प्रबंधनों और आम लोगों से राय मांगी है।
बीएड के कोर्स की अवधि को लेकर बहस छिड़ गई है। 2014 सत्र से पहले तक #BEd का कोर्स एक साल को होता था लेकिन एनसीटीई ने 2014 रेगुलेशन के तहत सत्र 2014 से कोर्स दो साल का कर दिया था। अब एक बार फिर यह कोर्स एक साल का किए जाने को लेकर एनसीटीई ने कॉलेज प्रबंधनों और आम लोगों से राय मांगी है। निजी बीएड कॉलेजों का रुझान एक साल के कोर्स की ओर है। इसको लेकर कॉलेजों के प्राचार्यों और प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने एनसीटीई को अपनी राय भेजनी शुरू कर दी है।
एनसीटीई ने तीन अक्टूबर को जारी अपने पत्र में कहा है कि 2014 रेगुलेशन में सुधार, कमियों को दूर करने और कुछ नियमों को बदलने या शिथिल करने को लेकर कमेटी बनाई गई है। कमेटी बीएड के दो साल के कोर्स के अनुभव और इस मामले में हुए कोर्ट केस तथा विभिन्न माध्यमों से मिले सुझावों को आधार बनाकर बीएड की अवधि को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके लिए कॉलेज प्रबंध समितियों, प्राचार्यों और आमलोगों की राय लेना भी जरूरी है। एनसीटीई ने 30 अक्टूबर तक अपनी वेबसाइट पर सुझाव मांगा है।
इस मुद्दे पर निजी कॉलेज प्रबंधन और सरकारी कॉलेज प्रशासन की राय अलग-अलग है। निजी बीएड कॉलेज संघ के सचिव डा. अजीत कुमार पांडेय ने बताया कि निजी बीएड कॉलेज चाहते हैं कि कोर्स फिर से एक साल का हो जाए। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि दो वर्षीय कोर्स में छात्रों की अरुचि और दाखिले में कमी है।
दूसरी तरफ राजकीय अध्यापक शिक्षा कॉलेज के प्राचार्य और भागलपुर विवि में शिक्षा संकाय के डीन डा. राकेश कुमार ने बताया कि एनसीटीई ने जो पत्र जारी किया है उस पर सुझाव देने से पहले यह मूल्यांकन होना चाहिए कि दो वर्षीय कोर्स से क्या लाभ और हानि हुई। केवल कम दाखिले को आधार बनाकर कोर्स को एक साल का कर दिया जाना सही नहीं होगा। उन्होंने बताया कि एक वर्षीय कोर्स में इंटर्नशिप पर ज्यादा जोर नहीं था। केवल 40 लेशन पूरा करना जरूरी था। लेकिन दो वर्षीय कोर्स के दूसरे साल में 16 हफ्ते का इंटर्नशिप शामिल है। इसलिए पहले यह देखा जाना चाहिए कि जिन प्रशिक्षुओं ने पूर्व में एक वर्षीय कोर्स किया और जो प्रशिक्षु अभी दो वर्षीय कोर्स कर रहे हैं, उनमें ज्यादा दक्ष कौन हैं? इसके बाद ही कोर्स की अवधि को लेकर सुझाव दिया जाना चाहिए।