लखनऊ । उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले में सोमवार को चुरेब रेलवे स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी को गोरखधाम एक्सप्रेस ने पीछे से टक्कर मार दी। इस हादसे में 4० लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। करीब 1०० लोग घायल हुए हैं जिनका अस्पतालों में उपचार चल रहा है। देश के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के दिन हुए इस बड़े हादसे ने खुशनुमा माहौल को गमगीन बना दिया। हादसा बस्ती और संतकबीर नगर जिले के बीच चुरेब रेलवे स्टेशन पर सुबह करीब 11 बजे हुआ जब पहले से खड़ी मालगाड़ी को हिसार से गोरखपुर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस ने पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि इंजन सहित गोरखधाम एक्सप्रेस की सात बोगियां (एक एसी एक स्लीपर और चार जनरल) पटरी से उतर गईं। जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि क्षतिग्रस्त बोगियों से 15 शव निकाले जा चुके हैं जबकि 1० लोगों ने अस्पतालों में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे में करीब 1०० लोग घायल हुए हैं जिनका अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। रेलवे के अधिकारी मृतकों की संख्या को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। उनका कहना है कि पहली प्राथमिकता घायलों का उपचार और राहत व बचाव कार्य पूरा करना है। क्षतिग्रस्त डिब्बों को गैस कटर से काटकर उनकी पूरी तरह पड़ताल किए जाने के बाद ही स्पष्ट आंकड़ा सामने आ सकेगा। इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि हादसे में 4० यात्रियों की मौत होने की आशंका है।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आलोक सिंह ने कहा कि घटनास्थल पर राहत व बचाव का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। हादसे के कारणों की जांच की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि ‘अच्छे दिन’ की शुरुआत के समय हुआ यह हादसा मानवीय भूल थी या कोई तकनीकी खराबी। रेलवे की तरफ से रेल संरक्षा आयुक्त (पूर्वोत्तर परिक्षेत्र) पी़ के़ वाजपेयी को घटना की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रेलवे की तरफ से मृतकों के परिजनों को 1 लाख रुपये गंभीर रूप से घायलों को 5० हजार रुपये और मामूली रूप से घायलों को 1० हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है। हादसे के चलते गोरखपुर-बस्ती-लखनऊ रेलमार्ग पर परिचालन बाधित हो गया है। करीब 15 रेलगाड़ियों का रास्ता बदलकर उनके गंतव्य स्थान पर भेजा जा रहा है। लखनऊ की तरफ जाने वाली रेलगाड़ियों को मऊ और वाराणसी रेलमार्ग के जरिए भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हादसे पर दुख जताते हुए राहत कार्य में तेजी लाने और उसकी निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन को घटनास्थल पर भेजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया।