दिल्ली
टीचर मां ने बेटी के साथ की आत्महत्या, तीन पेज का लिख सुसाइड नोट
नजफगढ़ इलाके में सोमवार सुबह शिक्षिका और उसकी बेटी ने फांसी लगाकर जान दे दी। उनके पास से तीन पन्नों का सुइसाइड नोट मिला है लेकिन इससे खुदकुशी के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। जांच में यह बात सामने आई है कि महिला डिप्रेशन की शिकार थी और पिछले आठ साल से उसका इलाज चल रहा था। लेकिन बेटी ने खुदकुशी क्यों की यह एक सवाल बना हुआ है। पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस महिला के पति और परिजनों से पूछताछ कर जांच में जुटी है। महिला और उसकी बेटी की पहचान अनिता यादव (48) और सिया (18) के रूप में हुई है। अनिता पति सतपाल यादव, बेटे आदित्य और बेटी सिया के साथ ओल्ड रोशनपुरा नजफगढ़ में रहती थीं। अनिता राजकीय सर्वोदय बालिका विद्यालय में पढ़ाती थीं। वहीं, सिया 12वीं की छात्रा थी। सतपाल यादव भी नजफगढ़ स्थित एक सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक हैं जबकि आदित्य बंगलूरू स्थित मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है।
सतपाल यादव अपने बेटे के इलाज के लिए जयपुर गया था। बेटे को मोटापे की बीमारी है। उसे मोटापा की वजह से इंसुलिन लेना पड़ता है। रविवार को सतपाल ने जयपुर से अपने घर पर फोन किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे उसने दोबारा फोन किया। जब किसी ने फोन नहीं उठाया तो सतपाल ने अपने ताऊ के बेटे ईश्वर को फोन कर घर जाने के लिए कहा। ईश्वर घर पर पहुंचकर दरवाजा खटखटाया लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। करीब साढ़े सात बजे ईश्वर ने पुलिस को फोन कर बताया कि दोनों लोग घर के अंदर हैं और दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर कमरे के अंदर गई। पुलिस ने एक कमरे में अनिता को पंखे से लटका हुआ पाया जबकि दूसरे कमरे में उसकी बेटी पंखे से लटकी हुई थी। अनिता के कमरे से पुलिस को तीन छोटे पन्ने में बड़े-बड़े अक्षरों से लिखा सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने बेटी से प्यार करने की बात लिखी है। पुलिस ने घटना की जानकारी सतपाल को दी।
सुसाइड नोट से पुलिस कंफ्यूजन में: अनिता ने मरने से पहले तीन पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर उसे दीवार पर चस्पा किया था। तीनों पेजों पर बड़े-बड़े अक्षरों में कुछ ही लाइनें लिखीं जो ये हैं…
अपनी मरी बच्ची को गले लगाया, प्यार से खूब प्यार किया, मेरी बच्ची का इज्जत से दाह संस्कार करना, बहुत प्यारी मासूम बच्ची है, वो डिजर्व करती है, मेरी प्यारी बच्ची….
मेरी मासूम बच्ची खत्म हो गई, अब कोई गंदा इंसान यह नहीं कहेगा, काम नहीं करवाती, वो भगवान के पास चली गई, वहीं उसका घर है, मेरी प्यारी बच्ची मैं कमाकर भी तुम्हें कुछ नहीं दे पाई…
मैं चाहती हूं गुड्डू और उसके पापा यह न देखें, यह क्रूर दृश्य। हमारा पहले ही दाह संस्कार कर देना, सबको नमस्ते…
अपनी मरी बच्ची को गले लगाया, प्यार से खूब प्यार किया, मेरी बच्ची का इज्जत से दाह संस्कार करना, बहुत प्यारी मासूम बच्ची है, वो डिजर्व करती है, मेरी प्यारी बच्ची….
मेरी मासूम बच्ची खत्म हो गई, अब कोई गंदा इंसान यह नहीं कहेगा, काम नहीं करवाती, वो भगवान के पास चली गई, वहीं उसका घर है, मेरी प्यारी बच्ची मैं कमाकर भी तुम्हें कुछ नहीं दे पाई…
मैं चाहती हूं गुड्डू और उसके पापा यह न देखें, यह क्रूर दृश्य। हमारा पहले ही दाह संस्कार कर देना, सबको नमस्ते…
अनिता और उसकी बेटी को लोगों से मिलना जुलना पसंद नहीं था: खुदकुशी की सूचना मिलने के बाद अनिता के साथ काम करने वाली कई टीचर उसके घर पहुंची। उन लोगों ने बताया कि अनिता स्कूल में होम साइंस पढ़ाती थीं। वह स्कूल में अकसर अलग-थलग रहती थीं। कॉमन रूम में भी वह अलग ही खाना खाती थीं। वहीं बेटी के बारे में भी इसी तरह की बातें सामने आई हैं।