मुख्य सचिव की पहली बैठक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने रविवार को अपनी पहली बैठक में बेहतर बिजली आपूर्ति और उसकी उपलब्धता बढ़ाए जाने के लिए व्यापक निर्देश दिये। उन्होंने सचिव ऊर्जा श्री कामरान रिजवी और पावर कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक ए.पी. मिश्रा से बिजली आपूर्ति की पूरी जानकारी ली और कई बिन्दुओं पर इन अधिकारियों को निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय केन्द्र से जो सहायता मिल सकती है उसके लिए प्रदेश स्तर पर हर संभव प्रयास किये जाएं। लेकिन पर्याप्त बिजली उपलब्धता के लिए एनर्जी एक्सचेंज से अधिकतम बिजली क्रय किया जाय जिससे मॉग और आपूर्ति में जो अन्तर है उसे न्यूनतम किया जा सके। पावर कारपोरेशन के अधिकारियों द्वारा यह बताया गया कि वर्तमान में एनर्जी एक्सचेंज से 1200 मेगावाट की खरीद की जा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि इस न्यूनतम स्तर को जबतक बिजली संकट रहता है इसके बनाये रखा जाय। यदि इससे अधिक आवश्यकता हो तो उसे भी क्रय किया जाय। पावर कारपोरेशन के अधिकारियों द्वारा यह बताए जाने पर कि अनपरा स्थित लैंकों की 600 मेगावाट की इकाई कोयले के अभाव में बंद चल रही है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि पावर कारपोरेशन के प्रबन्धक ए.पी. मिश्रा और निदेशक वित्त एस.के. अग्रवाल तत्काल कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु अनपरा जाएं और कोल इण्डिया के अधिकारियों से सम्पर्क कर कोयले की तत्काल व्यवस्था कराएं जिससे 600 मेगावाट की लैंकों की मशीन को तत्काल चालू कराया जा सके। प्रदेश की अन्य तापीय परियोजनाओं के लिए कोयले की निरन्तर उपलब्धता बनी रहे इसकेे लिए मुख्य सचिव ने सचिव ऊर्जा को निर्देश दिया कि आज ही उनकी ओर से भारत सरकार के कोयला सचिव को एक पत्र लिखकर कोयले की निरन्तर उपलबधता सुनिश्चित कराने के लिए अनुरोध कर लिया जाए। उन्होंने सचिव ऊर्जा कामरान रिजवी को निर्देश दिया है कि वह भारत सरकार के सचिव ऊर्जा एवं सचिव कोयला से मिलने का समय लें लें, जिससे आगामी 2 या तीन दिनों में उनके साथ बैठक करके ऊर्जा क्षेत्र की तमाम बिन्दुओं पर चर्चा करके फैसला कराया जा सके।