लखीमपुर खीरी। लम्बे अर्से से गौ माता को राष्ट्रीय प्रतीक घोषित कराने को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों में आन्दोलन हैं। इसी क्रम में जनहित सेवा समिति के एक प्रतिनिधि मण्डल ने संस्थाध्यक्ष आशीष तिवारी की अध्यक्षता में गौ माता को राष्ट्रीय प्रतीक घोषित कराने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भेजा है। जिसमें कहा गया है कि भारतीय संस्कृति का गौ, गंगा, गीता, गायत्री प्रथम आधार हैं। इसके बावजूद गायों को लेकर शासन व प्रशासन दोनांे ही गम्भीर नहीं हैं। सड़कों व सार्वजनिक स्थान, रेलवे स्टेशन, अस्पतालों व सड़कों आदि पर घूम रहे गौ वंश जहां अपनी दुर्दशा बयां कर रहे हैं। वहीं आवागमन में भी भारी दिक्कतें पैदा कर रहे हैं। कहा गया है कि कई बार गौ हत्या की घटनाएं भी अखबारों के माध्यम से सामने आयी हैं। संगठन ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी सरकार से ढे़रांे आशाओं की उम्मीद की जा रही है। वहीं संस्था यह मांग करती है कि भारतीय संस्कृति गौ वंश की रक्षा करने में तथा इसे राष्ट्रीय प्रतीक घोषित कर संविधान में सम्मान जनक स्थान दिलायें।