ज्ञान भंडार

सालों इंतजार के बाद यहां के दलितों के पास होगी अपनी जमीन

dalit-plots-gujarat_26_10_2016अहमदाबाद। गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में दलितों को सालों इंतजार के बाद अपनी जमीन मिल पाएगी। दलित आंदोलन को देखते हुए गुजरात के सुरेंद्रनगर जिला प्रशासन ने दलितों को घर बनाने के लिए प्लॉट और खेती की जमीनों का अधिकार सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पांच साल पहले ही जमीनों का आवंटन इनके लिए कर दिया गया था, लेकिन उन्हें इसका वास्तविक अधिकार नहीं मिल पाया।

राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच ने जिग्नेश मेवानी के नेतृत्व में जमीन सौंपने की मांग को लेकर प्रदर्शन की शुरूआत की थी। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में मेवानी ने कहा, ‘सड़कों को अवरुद्ध करना कोई उपाय नहीं है, लेकिन हमारी वैध मांग को पूरा कराने के लिए हमारे पास एकमात्र विकल्प बचा रह गया था। एक दशक पहले दलितों को जमीन का आवंटन किए जाने के बावजूद इस पर अतिक्रमण कर उन्हें जमीन सौंपी नहीं गई थी।’

मेवानी ने बताया, ‘2011-12 में सरकार ने पाटदी तालुका में गरीब कल्याण मेला के दौरान 191 परिवारों को घर बनाने के लिए प्लॉट देने की घोषणा की। लेकिन सरकारी दस्तावेज के मुताबिक मकान के लिए 85 लोगों को जमीन दिया जाना अभी बाकी है जबकि 97 को दस्तावेज अब तक नहीं सौंपे गए हैं। 18 प्लॉट पर अतिक्रमण की भी खबर है।’

दलितों के अधिकार के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ता राजू वाघेला बताते हैं कि प्रशासन ने छोटिला तालुका के पराबाड़ी गांव में जमीनों की माप शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘हमारे अनुमान के मुताबिक 1,385 एकड़ जमीन छोटिला तालुका के 14 गांवों के भूमिहीन दलितों और ओबीसी वर्ग के लोगों को आवंटित किया गया था, लेकिन उन्हें यह सौंपा नहीं गया था।’

उनका आरोप है कि कोर्ट में हर बार सरकार स्वीकार करती है कि जमीनों का अतिक्रमण हो रहा है लेकिन इसके खिलाफ कुछ काम नहीं होता। इधर, सुरेंद्रनगर के कलेक्टर उदित अग्रवाल ने कहा, ‘हमने परांडी गांव में जमीनों को मापना शुरू कर दिया है। जिला पंचायत द्वारा पाटदी तालुका के गांवों में हाउसिंग प्लॉट को आवंटित किए जाने की प्रकिया शुरू की जा चुकी है।’

Related Articles

Back to top button