समाजवादी पार्टी में जारी घमासान के बीच सीएम अखिलेश यादव की बहुप्रतीक्षित विकास रथयात्रा कुछ ही देर में शुरू होने वाली है। पारिवारिक कलह और यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस रथयात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है।
सीएम अखिलेश से तनातनी के बावजूद पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव यहां आकर रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। हालांकि, सीएम के चाचा और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पहुंचेंगे कि नहीं, इस बात को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
वहीं इस कार्यक्रम से पहले कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई है। दो गुटों के बीच जमकर कुर्सियां फेंकी गई हैं। इस रथ यात्रा को अखिलेश खेमे के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। रथ यात्रा में पांच हजार से अधिक गाड़ियों के शामिल होने की उम्मीद है।
अखिलेश यादव की इस यात्रा को चुनाव अभियान की शुरुआत के अलावा समाजवादी परिवार की एकता से भी जोड़कर देखा जा रहा है। यात्रा की तैयारियों का संचालन जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट से हो रहा है। पार्टी मुख्यालय ने इस यात्रा के आयोजन से दूरी बनाई हुई है। वहां केवल पांच नवंबर को जनेश्वर पार्क में होने वाली रजत जयंती समारोह की तैयारी हो रही है।
हालांकि, पार्टी सांसद किरनमय नंदा का कहना है कि यह पूरी तरह युवाओं का कार्यक्रम है, इसकी अगुआई अखिलेश यादव ही रहेंगे। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें बुलाया जाएगा तो वह जरूर जाएंगे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि उन्हें आमंत्रण भेजा जा चुका है।
थम सकती है शहर की रफ्तार
समाजवादी पार्टी की ‘विकास यात्रा’ की वजह से गुरुवार को शहर की रफ्तार थम सकती है। इतनी बड़ी तादाद में गाड़ियों के आने से भीषण जाम लगना लगभग तय है। लखनऊ के ला-मार्टीनियर ग्राउंड से एसपी की रथ यात्रा का काफिला निकलकर सबसे पहले गोल्फ क्लब चौराहे पहुंचेगा। काफिले के पहुंचते ही लोहिया पथ गाड़ियों से भर जाएगा और ह जरतगंज, कैंट, निशातगंज, बालू अड्डा और समता मूलक चौराहे की ओर से आने वाली गाड़ियां फंसेंगी। इन वाहनों को जहां भी रोका गया, वहीं जाम लगेगा।