506 आरटीआइ को इविवि से जवाब का इंतजार
जनवरी 2016 से लेकर अक्टूबर तक जो आंकड़े इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उपलब्ध कराए हैं उसमें जुलाई माह में सर्वाधिक आरटीआइ लंबित है। इलाहाबाद विवि में सेंट्रल पब्लिक इंफारमेशन ऑफिसर (सीपीआइओ) द्वारा वेबसाइट पर जारी आंकड़ों में सर्वाधिक 635 आरटीआइ जुलाई माह में लंबित रही।
सात दिन में देनी चाहिए इविवि को जानकारी
कला संकाय के पूर्व जनसूचना अधिकारी प्रो. मुश्ताक अली का कहना है कि नियमानुसार विश्वविद्यालय को मात्र 7 दिनों में वांछित प्रश्नों का उत्तर दे देना चाहिए। भारत सरकार के आरटीआइ एक्ट के अनुसार जवाब न देने के बाद प्रथम एवं द्वितीय जनसूचना अधिकारी के पास अपील करने का समय होता है। विवि अपनी ओर से तय समय के अंदर जवाब देने की कोशिश करता है।
लंबित सूचनाएं जो आरटीआइ के जरिए मांगी गई
जनवरी में 337 आरटीआइ लंबित रही। इस माह में फर्स्ट अपील अधिकारी के पास 9 एवं सेकेंड अपील अधिकारी के पास 4 मामले लंबित रहे। इसी प्रकार फरवरी में 302 मामले लंबित रहे। इस माह में प्रथम अपील अधिकारी के पास 7 एवं सेकेंड अधिकारी के समक्ष 3 मामले लंबित रहे। मार्च में 200 मामलों का निस्तारण नहीं हो पाया। इस माह में प्रथम अपील अधिकारी के पास 9 मामले लंबित रहे। अप्रैल माह में 197 मामले लंबित रहे। इस माह प्रथम अपील अधिकारी के पास 7 और द्वितीय अपील अधिकारी के पास 2 मामले पहुंचे। मई में 220 मामले लंबित रहे। प्रथम अपील अधिकारी के पास 8 एवं द्वितीय अपील अधिकारी के पास 3 मामले लंबित हैं। जून में 355 मामले लंबित रहे। इस माह प्रथम अपील की संख्या मात्र 8 रही। जुलाई में 635 मामले प्रक्रिया के अंतर्गत लंबित रहे। इस माह में प्रथम अपील 6 एवं द्वितीय अपील 1 रही। अगस्त माह में 628 मामले लंबित रहे। इस माह में प्रथम अपील अधिकारी के पास 11 मामले पहुंचे। सितंबर एवं अक्टूबर में लंबित संख्या क्रमश: 506 रही।