वाराणसी, (एजेंसी) गुजरात के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अदालत में याचिका दाखिल की है। याचिका में आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में ‘पहले शौचालय फिर देवालय’ कहकर लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत की हैं। शिकायत करने के बावजूद लंका पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की तो वादी ने अदालत की शरण ली। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 21 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की है।
विवरण के मुताबिक न्यू साकेत नगर कालोनी के रहने वाले चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि उन्होंने चार अक्तूबर 2013 अखबार में नरेंद्र मोदी के भाषण का समाचार दिए गए भाषण में उन्होंने कहा था कि पहले शौचालय उसके बाद देवालय का निर्माण प्राथमिकता में होना चाहिए। चंद्रशेखर के मुताबिक इससे उन्हें तो ठेस पहुंची ही, उनके साथी सुनील शर्मा और मनीष कुमार की भी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। उन्होंने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उसी दिन लंका थाने में तहरीर दी लेकिन पुलिस ने शिकायत को संज्ञान में नहीं लिया। इसके बाद वादी ने अपने अधिवक्ता गिरजेश कपूर के माध्यम से जेएम प्रथम की अदालत में परिवाद दाखिल किया। अदालत ने प्रार्थनापत्र स्वीकार करने के बाद मामले में सुनवाई के लिए 21 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की है।