लखनऊ
जहरीली धुंध की चपेट में लखनऊ,
लखनऊ की हवा में भी ‘जहर’ बेहद खतरनाक स्तर तक घुल गया है। रविवार तड़के यहां प्रदूषण का स्तर आठ गुना तक ज्यादा पाया गया। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की शहर के अलग-अलग इलाकों में जांच में ये नतीजे सामने आए हैं।
सीपीसीबी ने अपने बुलेटिन में राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 444 बताया है। जबकि शनिवार को यह आंकड़ा 258 ही था। यही नहीं ‘जहरीली’ हवा के मामले में लखनऊ दिल्ली, फरीदाबाद और आगरा के बाद देश में चौथे पायदान पर रहा।
यह मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से सात गुना ज्यादा है। हालांकि सुबह 11 से 12 बजे की बात करें तो निशातगंज में एक्यूआई 519 तो पुराना हाईकोर्ट के पास 472 पाया गया।
आईआईटीआर के वैज्ञानिकों ने भी छुट्टी के बावजूद हालात का अध्ययन किया। आईआईटीआर कैम्पस, पुराना हाईकोर्ट में लगे ऑनलाइन मॉनिटरिंग स्टेशन से सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक जुटाए गए आंकड़ों में पार्टिकुलेट मैटर यानी हानिकारक सूक्ष्मकणों की मौजूदगी खतरनाक स्तर तक पाई गई।
वैज्ञानिकों के मुताबिक यहां 2.5 माइक्रोमीटर तक के सूक्ष्मकणों की मौजूदगी 472 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पाई गई जबकि मानक के हिसाब से इसे 60 माइक्रोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यही नहीं 10 माइक्रोमीटर वाले सूक्ष्मकणों की मौजूदगी 833 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पाई गई जबकि इसे 100 माइक्रोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए।