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नोट बंदी के विरोध में उतरे केजरीवाल…

arvind-kejriwalनई दिल्ली ( 11 नवंबर ) : मोदी सरकार के आंतकियों की फंडिंग और कालेधन पर लगाम लगाने के मकसद के किए गए नोट बंदी के फैसले का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विरोध किया है। साथ ही पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बसपा सुप्रीमों मायावती और मुलायम सिंह यादव ने इस भी फैसले का विरोध किया।
2017 के विधानसभा चुनाव में मायावती और मुलायम उत्तर प्रदेश में जीत का दावा कर रहे हैं, तो केजरीवाल पंजाब में सत्ता पाने की कोशिश में हैं।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी नोट बैन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। मुलायम ने कहा कि वह कालेधन के खिलाफ हैं, लेकिन सरकार ने यह फैसला गरीब लोगों को परेशान करने के लिए किया है। उन्होंने मांग की कि नोट बैन पर लगा प्रतिबंध कम से कम सात दिन के लिए टाल दिया जाए। मुलायम ने सरकार से यह भी दरख्वास्त की कि हर महिला को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के पांच लाख रुपए तक जमा करवाने की सहूलियत मिले। मुलायम सरकार के इस फैसले से इतने नाराज थे कि उन्होंने वर्तमान हालात की तुलना इमर्जेंसी से कर दी।

बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार पर 500 और 1000 रुपये के नोटों की वैधता समाप्त करके देश में अघोषित आर्थिक इमर्जेंसी जैसा वातावरण पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ढाई साल के अपने कार्यकाल में अपना पूरा बंदोबस्त करने के बाद बीजेपी ने जनता में त्राहि-त्राहि मचाने वाला यह कदम उठाया। मायावती ने कहा कि बीजेपी ने अपना आर्थिक हित सुरक्षित करने के बाद यह फैसला लिया, ताकि 100 साल तक पार्टी को आर्थिक मदद मिलती रहे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य घोषित करन की तुलना ‘अघोषित अखिल भारतीय हड़ताल’ से की और सरकार से ‘जल्दबाजी’ में लिए गए इस निर्णय को वापस लेने की अपील की।

 

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