सर्दी में रहना है इन बीमारियों से दूर तो जानें भाप लेने के 5 फायदे
सर्दी-जुकाम और कफ होने की स्थिति में भाप लेना रामबाण उपाय है। भाप लेने से न केवल आपकी सर्दी ठीक होगी बल्कि गले में जमा हुआ कफ भी आसानी से निकल सकेगा और आपको किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। त्वचा की गंदगी को हटाकर अंदर तक त्वचा की सफाई करने और त्वचा को प्राकृतिक चमक प्रदान करने के लिए भाप लेना एक बेहतरीन तरीका है। बगैर किसी मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल किए यह तरीका आपकी स्किन को ग्लोइंग बना सकता है। अस्थमा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में भी भाप लेना काफी फायदेमंद साबित होता है। डॉक्टर ऐसी परिस्थिति में भाप लेने की सलाह देते हैं, ताकि मरीज को राहत की सांस मिल सके।
भाप से किन बीमारियों से मिल सकती है राहत
सर्दियों का मौसम शुरु होते ही अधिकतर लोगों को सर्दी, जुकाम, खांसी और फ्लू जैसी बीमारियां शुरु हो जाती हैं। इन बीमारियों से निपटने के कई घरेलू नुस्खे हैं। इनमें से एक गर्म पानी का भाप लेना भी है। गर्म पानी का भाप लेना एक सरल और तुरंत राहत पहुंचाने वाला तरीका है। हालांकि कुछ लोगों को भाप लेने का सही तरीका नहीं पता होता है। हम आपको इसका सही तरीका और कुछ ऐसे हर्बल्स के बारे में बताएंगे जिन्हें भाप के पानी में मिलाने से आपको ज्यादा आराम मिलेगा।
क्या है फायदे?
गर्म भाप लेना एक चिकित्सीय तरीका है। इसमें नाक और गले के माध्यम से फेफड़ों तक गर्म हवा पहुंचाई जाती है, जिससे काफी राहत मिलती है। गर्म भाप से आपकी बंद नाक खुलती है और आपको आसानी से सांस लेने को मिलती है। गर्म भाप लेने से आपके शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे ब्लड वेसल यानि रक्त धमनी का विस्तार हो जाता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, स्किन के छिद्र खुलते हैं और आपकी रंगत लौट आती है।
जानिए भाप लेने के कुछ तरीके
इतना ही नहीं तापमान के बढ़ने पर आपका इम्यून सिस्टम बढ़ता है। इससे बैक्टीरिया और कीटाणुओं के खिलाफ कार्रवाई करने वाले मजबूत प्रतिरोधक डब्ल्यूबीसी का भी उत्पादन बढ़ जाता है। गर्म भाप से ऊपरी श्वसन तंत्र की बीमारियों को सही किया जा सकता है। पानी में हर्बल और तेल डालकर भाप लेने से सांस की समस्याएं को जल्द ही खत्म किया जा सकता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे हर्बल के नाम आपको बता रहे हैं, जिन्हें आप विभिन्न समस्याओं में विभिन्न तरीके से पानी में मिलकार भाप ले सकते हैं।
किन समस्या के दौरान लेनी चाहिए भाप
सांस की समस्या
सांस लेने की समस्या होने पर पानी में नीलगिरी या पाइन यानि चीड़ को गर्म पानी के साथ भाप लें।
ब्रोंकाइटिस की समस्या
ब्रोंकाइटिस यानि श्वसन शोथ की प्रॉब्लम होने पर तुलसी, लौंग, नीलगिरी, मेंहदी डालकर भाप ले सकते हैं।
ठंड में कफ की समस्या
ठंड में में गर्म पानी में अदरक, खाड़ी, लौंग, मेंहदी को गर्म पानी में डालकर तौलिए से ढांककर भाप लें।
खांसी की समस्या
खांसी के वक्त पानी में इलायची, पुदीना, मेंहदी को डालकर भाप ले सकते हैं।
साइनस की समस्या
इनफ्लेम्ड साइनस की समस्या में तुलसी, चाय के पेड़, नीलगिरी, पुदीना के साथ भाप लेना चाहिए।
भाप लेने का सुरक्षित तरीका
- आप बीमारी के अनुसार एक बड़े कटोरे में पर्याप्त मात्रा में पानी लें और उसमें हर्बल और ज़रूरत के हिसाब से तेल मिला लें।
- सिर को किसी हल्के तौलिये से ढक लें और कटोरे से लगभग 30 सेंटीमीटर की दूरी पर बैठें।
- ध्यान रहे कि पानी का कटोरा और सिर उस तौलिये से अच्छी तरह ढका रहे।
- एक या दो मिनट तक नाक से सांस लें।
- उसके बाद एक ब्रेक लें और दोबारा इस क्रिया को करें।
क्या करें और क्या नहीं
- अगर आपको भाप लेने में असुविधा या जलन हो रही है तो तुरंत तौलिया हटा लें।
- अगर आप राहत महसूस कर रहे हैं तो भाप ना लें।
- बच्चें, गर्भवती महिलाएं या अस्थमा के रोगी भाप लेते समय ज्यादा सावधानी बरतें।
- सुंदरता के लाभ के लिए भी भाप ली जा सकती है।