

मेट्रो अफसरों का कहना है कि अब 30 नवंबर तक डिपो के अंदर ही ट्रेन की सभी जांच की जाएगी। चेन्नई से आए अलस्टॉम कंपनी के इंजीनियरों की निगरानी में उसके पुर्जे-पुर्जे की जांच की जा रही है। कुछ जरूरी उपकरण भी चेन्नई से आए हैं।
उनका इंस्टॉलेशन भी अब ट्रांसपोर्टनगर डिपो में ही किया जा रहा है। 30 नवंबर तक यह ट्रेन अपने डायनमिक यानी ट्रैक पर ट्रायल के लिए तैयार हो जाएगी। स्टेटिक ट्रायल में कोच के अंदर के सभी फीचर्स के अलावा इंजन ट्रेलर कोच के सिस्टम को भी चेक किया जाना है।
इनकी हो रही जांच
– इंजन का ऑन-ऑफ सिस्टम
– ब्रेकिंग सिस्टम
– कूलिंग सिस्टम
– टॉक बैक सुविधा
– सीसीटीवी कैमरा
– कोच का संतुलन और व्हील मूवमेंट
– दरवाजों के खुलने-बंद होने की जांच
– तीन दिन तक कोच को चार्ज किया जाना