नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी को देश का नया अटार्नी जनरल नियुक्त कर दिया। रोहतगी 2००2 के गोधरा दंगों से संबंधित कई मामलों में गुजरात सरकार की पैरवी कर चुके हैं। एक बयान में कहा गया है कि वे तीन वर्षों तक अटार्नी जनरल रहेंगे। वे जी.ई. वाहनवती की जगह लेंगे। आम चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के सफाए के बाद वाहनवती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। देश के शीर्ष विधि अधिकारी के तौर पर अटर्नी जनरल संसद के एक ऐसे गैर सदस्य होते हैं जो जरूरत पड़ने पर अपना मंतव्य रखने के लिए संसद में आने के अधिकारी होते हैं। समय-समय पर वैधानिक और संवैधानिक जवाबदेही पूरी करने के दौरान उठने वाले कानूनी मुद्दों पर वे सरकार को परामर्श देते हैं। संविधान के मुताबिक अटार्नी जनरल के पद पर उसी व्यक्ति की नियुक्ति की जा सकती है जो शीर्ष अदालत के न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के योग्य हो। इससे पहले आईएएनएस के साथ एक बातचीत में रोहतगी ने कहा था कि उनकी प्राथमिकता केंद्र सरकार की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करने वाली केंद्रीय एजेंसियों के कामकाज को दुरुस्त करना होगा। उन्होंने कहा कि वे सरकार की ओर से अपील दायर करने की समय सीमा घटाने के लिए प्रयास करेंगे। अभी इस काम में छह से आठ माह का समय लगता है और यहां तक कि अक्सर कागज पूरे नहीं हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि वे हल्के अपीलों या सरकार से पैसे ऐंठने के लिए की जाने वाली अपीलों को कम करने का प्रयास करने के साथ ही साथ कानून मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के बीच समन्वय को सुधारेंगे।