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बॉलीवुड का ‘सुल्तान’, इस बात से हो गया बेहद परेशान

img_20161201091209-1मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सलमान खान इन दिनों कुछ परेशान चल रहे हैं। सलमान की परेशान कुछ ऐसी है कि उन्होंने इसके लिए बीएमसी से शिकायत की है।

 बांद्रा स्थित बैंडस्टैंड पर उनके घर के बाहर कई लोग खुले में शौच कर रहे हैं। इस शिकायत के बाद बीएमसी ने सलमान खान को ही, खुले में शौच रोकने के लिए चलाए जा रहे अपने कैंपेन का चेहरा बना दिया है। साथ ही सलमान खान का बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन बीएमसी को 5 मोबाइल टॉइलट भी देगा जो बैंडस्टैंड में रखा जाएगा।
बीएमसी ने हाल ही में मुंबई के 24 में से 12 वॉर्ड्स को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया था और वादा किया था कि बाकी बचे वॉर्ड भी इस साल के अंत तक खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे। वॉर्ड बी जिसमें डोंगरी और पायधुनी जबकि वॉर्ड सी में चीरा बाजार, भेंडी बाजार और मरीन ड्राइव के कुछ हिस्से शामिल हैं, इन्हें खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है।
सलमान खान जल्द ही म्यूनिसिपल कमिश्नर अजय मेहता से मिलेंगे और खुले में शौच के खिलाफ चलाए जा रहे कैंपेन के बारे में पूरी जानकारी हासिल करेंगे। बीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह जब सलमान खान ने उनसे मुलाकात की थी तो उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की थी कि बैंडस्टैंड में रहने वाले लोग जो खुले में शौच करते हैं उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही उन लोगों के लिए भी जो घूमने फिरने के इरादे से बैंडस्टैंड आते हैं।
बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन ने चिट्ठी लिखकर इस बात की पुष्टि की है कि अभिनेता सलमान खान खुले में शौच के खिलाफ चलाए जा रहे कैंपेन और दूसरे स्वच्छता अभियानों का भी हिस्सा होंगे। बीइंग ह्यूमन की ओर से बीएमसी को लिखी चिट्ठी में कहा गया है, ‘आपने सलमान खान को जो लेटर लिखा और उनसे बीएमसी का ब्रैंड ऐंबैसेडर बनने और बीएमसी के दूसरे सफाई अभियानों में मदद करने का आग्रह किया है, हम उसे स्वीकार करते हैं।
 हम आपको बताना चाहते हैं कि सलमान खान ने आपके आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और बीइंग ह्यूमन के जरिए सलमान खान फाउंडेशन भी स्वच्छता अभियान के लिए जागरूकता फैलाने में बीएमसी की मदद करेगा।’ 
स्वच्छ भारत मिशन के दिशा निर्देशों के मुताबिक हर 30 प्रयोगकर्ताओं पर एक टॉइलट सीट होनी चाहिए। इस हिसाब से मुंबई को करीब 1 लाख 36 हजार टॉइलट सीट्स चाहिए ताकि स्लम में रहने वाली 63 फीसदी आबादी की जरूरतें पूरी हो सकें। आंकड़े बताते हैं कि शहर में अब भी 60 हजार टॉइलट्स की कमी है।

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