उत्तराखंड

नए साल से मिलेगी सातवें वेतन की सौगात

7th-pay-commission11उत्तराखंड में सरकारी नौकरी करने वालों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें सातवें वेतन का लाभ नए साल से मिल सकेगा। इसके लिए सातवां वेतन समिति अगले हफ्ते तक अपनी सिफारिश राज्य सरकार को सौंप सकती है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जनवरी 2017 से नया वेतन देने वाले फैसले पर मुहर लगाएगी।

सातवे वेतन का फायदा उठा सकते हैं सरकारी नौकरी करने वाले

सरकारी नौकरी करने वालों के लिए समिति कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने में आने वाले वित्तीय खर्च के आकलन में जुट गई है।

छठे वेतन आयोग की विसंगतियां दूर करने और सातवां वेतन समिति की सिफारिशों पर तमाम कार्मिक संगठनों की निगाहें टिकी हुई हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद तो समिति अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे से मुलाकात कर प्रदेश में चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति की रिपोर्ट सरकार को जल्द सौंपने का अनुरोध कर चुका है।

वेतन समिति के समक्ष कुल 54 विभागों के 232 संवर्गों की वेतन विसंगति के प्रकरण प्रस्तुत किए जा चुके हैं। समिति अब इन विसंगतियों को दूर करने पर सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा, इसका आकलन किया जा रहा 

समिति अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे के मुताबिक सातवें वेतनमान को लेकर  अगले हफ्ते तक सरकार को सौंपी जाएगी। समिति अभी कई स्तरों पर आकलन में जुटी हुई है।

गौरतलब है कि सातवां वेतनमान लागू होने पर वेतन-भत्तों और पेंशन पर सालाना करीब 2000 करोड़ तक खर्च बढऩा तय है। राज्य सरकार को सिर्फ वेतन मद और भत्तों की मद में सालाना 9500 करोड़ का बोझ उठाना पड़ रहा है।

सेवानिवृत्त कार्मिकों की पेंशन के रूप में सालाना 2500 करोड़ का खर्च है। कुल मिलाकर वेतन-भत्ते और पेंशन पर सालाना 12 हजार करोड़ खर्च की नौबत आ रही है। ऐसे में सातवां वेतनमान लागू होने के बाद यह राशि बढ़कर साढ़े 14 हजार करोड़ पहुंचने का अनुमान है।

 

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