पीएम मोदी का एक और अटैक, देश में फर्जीवाड़ा होगा बंद
कालेधन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने नोटबंदी के फैसले के बाद खुले बैंक खातों पर रिपोर्ट तलब की है। सरकार को विभिन्न एजेंसियों से संकेत मिले हैं कि 8 नवंबर के बाद बड़ी तादाद में फर्जी खाते खुले हैं। अब नोटबंदी के बाद खुले सभी खातों के खाताधारकों की तसदीक की जाएगी। इसके बाद खाते के जरिये इस दौरान हुए लेनदेन की समीक्षा की जाएगी।
खाता फर्जी होने की स्थिति में प्रस्तावक और बैंक अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। वित्त मंत्रलय के सूत्रों के मुताबिक, सभी केंद्रीय और राज्य स्तरीय एजेंसियों को जनधन खातों पर नजर रखने को कहा गया था। इससे पता चला कि 8 नवंबर के बाद फर्जी खाते भी खोले गए, जिनके जरिये पुराने नोटों की बदली नए नोटों से की गई।
खबरों के मुताबिक, नोटबंदी के फैसले के अगले दिन से अब तक खुले नए खातों में से ढाई लाख संदेह के घेरे में हैं। इनमें अच्छी-खासी रकम जमा हुई है। मंत्रलय के सूत्रों की मानें तो इन खातों के मामले में भी जनधन खातों जैसी कार्रवाई के निर्देश जारी किए जा सकते हैं। जनधन खातों में तय सीमा से ज्यादा रकम निकालने या भुगतान करने पर रोक लगी हुई है।
बताया जा रहा है कि आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के शीर्ष अधिकारियों से बैंकों की कारगुजारी पर चर्चा की है। वित्त मंत्रलय ने राज्यों के शीर्ष अधिकारियों को खास तौर पर बैंकों की गतिविधि पर नजर बनाए रखने को कहा है।