मिला संवैधानिक भाषा का दर्जा भोजपुरी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल
भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कर संवैधानिक भाषा बनाने का फैसला लिया गया है। भोजपुरी के साथ ही राजस्थानी और भोटी को भी संविधान की 8वीं सूची में शामिल किया जाएगा। बीजेपी सांसद और दिल्ली बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार ने इन तीनों भाषाओं को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला कर लिया है।
भोजपुरी संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल
मनोज तिवारी ने कहा कि अब संसद का सत्र खत्म होने वाला है इसलिए जब भी अगला सत्र होगा तो सरकार लोगों को यह तोहफा दे देगी। मनोज तिवारी ने कहा, ‘अगर मौजूदा संसद सत्र सही तरीके से चल रहा होता तो इसी सत्र में लोगों को यह तोहफा दे दिया जाता।’
तिवारी ने कहा कि 38 भाषाएं आठवीं अनुसूची में आना चाहती हैं, लेकिन पीएम को बताया गया कि तीन भाषाएं ऐसी हैं जिन्हें देश के बाहर मान्यता हासिल है। प्रधानमंत्री ध्यान इस ओर तब गया, जब वह भूटान यात्रा पर गए थे। वहां भोटी भाषा बोली जा रही थी।
पीएम को बताया गया है कि यह भाषा आपके देश में भी बोली जाती है। इस पर उन्होंने और जानकारी चाही है कि ऐसी कौन सी भाषाएं हैं जो देश के बाहर भी बोली जाती हैं। इसके बाद यह देखा गया कि राजस्थानी, भोजपुरी और भोटी देश के बाहर भी बोली जाती हैं।
मालूम हो कि भोजपुरी सूरीनाम, मॉरिशस, त्रिनिदाद और फिजी की मान्यता प्राप्त भाषा है, जबकि राजस्थानी भाषा को नेपाल में मान्यता मिली हुई है।