उत्तर प्रदेश

अब ट्रेन के किराए में कर पाएंगे प्लेन में सफर, तैयार हो गया प्लान

private-chopper-750x400जल्द ही एचएएल कानपुर में डॉर्नियर-228 पर काम चल रहा है जिसका इस्तेमाल रीजनल कनेक्टिविटी में बड़े पैमाने पर किया जाएगा। जिसके तहत आप छोटे-छोटे विमानों में सस्ता सफर कर पाएंगे।

हिंदुस्तान एअरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल) के सीएमडी टी. सुवर्णा राजू ने बताया कि देश में रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए अगले 10 साल में 200 ऐसे विमानों की आपूर्ति की जाएगी।
एचएएल की कानपुर यूनिट अप्रैल-2017 में नागरिक उड्डयन के लिए डॉर्नियर-228 विमान की डिलीवरी शुरू कर देगी। पहले जो विमान जर्मनी से आता था, वो अब कानपुर में बनता है। अब तक यहां 130 डॉर्नियर एअरक्राफ्ट बन चुके हैं।
काम पूरा होने के साथ अप्रैल-2017 से इसकी डिलिवरी शुरू हो जाएगी। एचएएल कैंपस में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने स्ट्रक्चरल असेंबली को लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि देश के दुर्गम स्थानों जैसे पूर्वोत्तर और पहाड़ी इलाकों को मुख्य धारा से जोड़ने में यह एअरक्राफ्ट अहम रोल निभा सकता है। फ्यूल का कम खर्च भी काफी सकारात्मक बात है। भविष्य में इसे एक्सपोर्ट भी किया जाएगा।
डॉर्नियर एअरक्राफ्ट अब तक एअरफोर्स के अलावा कोस्ट गार्ड आदि इस्तेमाल करते थे। कुछ महीनों पहले सरकार ने रीजनल कनेक्टिविटी को सुगम बनाने के मकसद से एचएएल से इस एअरक्राफ्ट के डिजाइन में कुछ बदलाव कराए।
 
ये है खासियत
655 मीटर की दूरी से कर सकता टेकऑफ
536 मीटर की दूरी पर हो सकती लैंडिंग
4299 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है
333 किमी घंटा है अधिकतम रेंज स्पीड
19 सीटर है डॉर्नियर-228 विमान
देश में फिलहाल 110 डीओ-228 चल रहे हैं

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