इस ज्ञान से करें Morning की शुरुआत’जब जागो तभी सवेरा’
एक ऋषि वन में भ्रमण करते समय रास्ता भटक गए। रात होने लगी तो उन्हें एक झोपड़ी नजर आई। उस झोपड़ी में रहने वाले व्यक्ति ने उनका खूब आदर सत्कार किया। सुबह होने पर ऋषि ने उसके आतिथ्य से प्रसन्न होकर उसे जंगल में मौजूद चंदन के बाग के बारे में बता दिया।
अगले दिन जब वन में रहने वाला व्यक्ति चंदन के बाग के पास पहुंचा तो उसे चंदन की विशेषताओं के बारे में पता ही नहीं था। उसने चंदन के पेड़ों से लकड़ियां काटना शुरू कर दीं और इन्हें जलाकर उसका कोयला बनाकर शहर में बेचने लगा। इससे उसकी गुजर बसर होने लगी।
धीरे-धीरे उसने सभी चंदन के पेड़ काट डाले और इसकी लकड़ी को कोयला बनाकर बेच दिया। बस आखिरी पेड़ बचा था। वह जब इस आखिरी पेड़ को काट रहा था, तभी बारिश आ गई। बारिश के कारण चंदन की लकड़ी जली नहीं तो उसने कोयले की जगह बाजार में लकड़ी को बेचने का निर्णय लिया।
जब वह चंदन की लकड़ी लेकर बाजार में पहुंचा तो लोगों ने इसे हाथोंहाथ भारी कीमत में खरीद लिया। जब उसे लोगों से चंदन की विशेषता का पता लगा तो वह बहुत पछताने लगा। उसे परेशान देखकर एक ज्ञानी व्यक्ति ने जब कारण पूछा तो उसने बताया कि मैंने इस बहुमूल्य चंदन की लकड़ी को कोयला बनाकर बेच डाला। इस पर ज्ञानी ने कहा कि मित्र, तुम्हारे पास जो एक वृक्ष बचा है उसी का सदुपयोग करो। जो मनुष्य बहुत कुछ गंवाकर भी संभल जाता है तो भी वह बुद्धिमान ही माना जाता है।