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ट्राई अधिनियम संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश

parliamentनई दिल्ली । भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अधिनियम में संशोधन करने के लिए एक विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में हंगामे के बीच पेश किया गया। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक पारित होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के पद पर ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा। यह विधेयक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग सरकार द्वारा लाए गए एक अध्यादेश का स्थान लेगा। यह विधेयक ट्राई अधिनियम में संशोधन करेगा जो ट्राई के अध्यक्ष या सदस्य को सेवानिवृतित के बाद केंद्र या राज्य सरकार में कोई पद ग्रहण करने से रोकता है। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा की प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पर पर नियुक्ति प्रधानमंत्री का कार्यकाल समाप्त होने के साथ समाप्त हो जाएगी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया और सवाल किया कि सरकार आखिर एक व्यक्ति के लिए नियम में क्यों बदलाव कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के सुगता रॉय ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा ‘‘यह पहला मौका है जब किसी एक व्यक्ति के लिए कोई विधेयक लाया गया है।’’ संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा ‘‘हम नृपेंद्र मिश्रा के खिलाफ नहीं है बल्कि उनकी नियुक्ति जिस तरह से हो रही है उस तरीके का विरोध कर रहे हैं।’’ कांग्रेस सूत्रों ने संकेत दिया कि निचले सदन में विधेयक का विरोध करने के लिए अन्य विपक्षी दलों से संपर्क किया जाएगा। लोकसभा में चार सदस्यों वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने भी कहा है कि वह विधेयक का विरोध करेगी। आप ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट पर एक टिप्पणी में कहा ‘‘आप के सांसद आज (शुक्रवार) लोकसभा में पेश ट्राई संशोधन विधेयक का जोरदार विरोध करेंगे जिसे नृपेंद्र मिश्रा की नियुक्ति के लिए जारी अध्यादेश को की मंजूरी के लिए लाया गया है।’’

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