पीएम मोदी के वाराणसी में 8 गुना ज्यादा बढ़ी ये जानलेवा बीमारी
सांस की बीमारियों को इस रिपोर्ट में उजागर किया गया है
रिपोर्ट ‘वाराणसी चोक्स’ निजी चिकित्सकों की टिप्पणियों की पुष्टि करती है। चिकित्सकों ने कहा है कि इस साल जाड़ों में वायु प्रदूषण कई दिनों तक असामान्य रूप से औसत से पांच गुना ज्यादा रहा। इससे दमा के मामले बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में शहर में बढ़ते हुए पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) के स्तर के साथ-साथ बढ़ती हुई सांस की बीमारियों की प्रवृत्ति को उजागर किया गया है।
गंगा नदी के किनारे सिगरा इलाके के डॉ. प्रदीप जिंदल ने कहा, “अस्थमा के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है जो सिर्फ हमारी क्लीनिक में नहीं ही, बल्कि दूसरी क्लीनिक में भी देखी गई है।” उन्होंने कहा कि बीते दस साल में उन्होंने सांस की बीमारियों में आठ गुना वृद्धि देखी है। इससे बच्चे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इससे उनका नैदानिक भार जबरदस्त बढ़ गया है। करीब 80 फीसद मामले सांस की बीमारियों से जुड़े हुए हैं।
जिंदल की बात की पुष्टि पल्मोनोलॉजिस्ट आर.एन. वाजपेयी भी करते हैं। वाजपेयी की क्लीनिक लंका इलाके में है। वाजपेयी ने कहा, “शहर में एक बड़ी समस्या सड़क की धूल की है। गर्मियों में धूल की आंधी से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।” उन्होंने कहा कि ब्रॉन्कियल एलर्जी और सीने के संक्रमण में बीते चार-पांच सालों में कई गुना वृद्धि हुई है।