‘तंबाकू-बीड़ी तो दे दो साहब, पेट साफ ही नहीं हो रहा’
भोपाल, अमित देशमुख। ‘साहब, चाहे सब कुछ बंद करवा दो, पर तंबाकू और बीड़ी के लिए तो मना मत करो। पांच दिन हो चुक हैं, पेट साफ नहीं हुआ अब तो हालत खराब हो रही है।’ ये पीड़ा भोपाल सेंट्रल जेल में बंद उन कैदियों की है, जो नित्यकर्म के लिए ऐसी तलब के आदी है।
दरअसल हुआ यूं कि जेल मुख्यालय ने नौ दिसंबर को आदेश जारी कर परिजनों द्वारा भेजी जाने वाली खाद्य सामग्री, जिसमें बीड़ी-तंबाकू भी है, पर रोक लगा दी थी। इधर उन कैदियों को काफी परेशानी होने लगी जो दैनिक क्रिया के लिए तंबाकू-बीड़ी के तलबगार थे। बंदियों ने जेल में भूख हड़ताल कर दी।
इस पर जेल मुख्यालय के आलाधिकारी को सेंट्रल जेल भेजा गया, जहां उन्होंने समझाने की कोशिश की, पर उनकी पीड़ा देखते हुए खाद्य सामग्री को लेकर की गई सख्ती में कुछ नरमी बरती गई और बीड़ी व तंबाकू उपलब्ध कराए गए। साथ ही आश्वासन दिया कि उन्हें जल्द ही खाने में सलाद, अचार के साथ अब आठ जोड़ी कपड़े मिल सकेंगे।
प्रदेशभर की जेलों में हंगामा
जेल मुख्यालय के फरमान में कैदियों के परिजनों द्वारा दिया जाने वाला खाने-पीने का सामान में नमकीन, बिस्किट, टमाटर, प्याज, हरी मिर्च के साथ बीड़ी-तंबाकू को बंद कर दिया गया है। जिसका प्रदेश भर की जेलों में खासा विरोध हो रहा है।
खासतौर पर भोपाल सेंट्रल जेल के अलावा जबलपुर और ग्वालियर में भी कैदियों ने आंदोलन व भूख हड़ताल की। जिसके बाद मुख्यालय की ओर से अधिकारियों को जेलों में भेजा जा रहा है। एडीजी जीआर मीणा को जबलपुर भेजा गया है। बताया जा रहा है कि कैदियों को समझाया जा रहा है और तात्कालिक रूप से उन्हें बीड़ी व तंबाकू तीनों ही जगह उपलब्ध करवाई गई है।
– जेल में परिजनों द्वारा बंदियों को दी जाने वाली खाने-पीने व बीड़ी तंबाकू की सामग्री को बंद करने से बंदी बेहद आक्रोशित थे। फिलहाल उन्हें बीड़ी व तंबाकू उपलब्ध करवा दिया गया है जिसके बाद उन्होंने भूख हड़ताल खत्म की। –