INDIA ने देश में विकसित परमाणु मिसाल पृथ्वी-5 का सफल टेस्ट किया है। टेस्ट ओडिशा के चांदीपुर में स्थित इंटीग्रेटेड रेंज (बालासोर)से किया गया। मिसाइल का टेस्ट सफल रहा है।
इस दौरान डीआरडीओ के कई वैज्ञानिक वहां मौजूद थे। पहले पृथ्वी-5 मिसाइल के दो परीक्षण की योजना थी लेकिन पहले सफल परीक्षण के बाद दूसरे टेस्ट के विचार को तकनीकी समस्याओं के चलते छोड़ दिया गया।
12 अक्टूबर 2009 को दो परीक्षण किए गए थे। दोनों सफल रहे थे। मिसाइल के प्रक्षेपण पर डीआरडीओ राडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम से निगरानी की गई। बंगाल की खाड़ी में इसके प्रभाव स्थल पर एक पोत पर तैनात टीम ने नीचे आने के इसके पूरे सफर का परीक्षण किया।
पृथ्वी-5 मिसाइल को साल 2003 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। यह पहली मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत तैयार किया गया था। मिसाइल का सफल परीक्षण इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत किसी भी आपात स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार है। पृथ्वी 5 का पिछला उपयोगी परीक्षण 16 फरवरी 2016 को चांदीपुर में स्थित इंटीग्रेटेड रेंज से किया गया था।
ये है पृथ्वी 5 मिसाइल की खासियतें
1.पृथ्वी-5 पूरी तरह स्वदेश में निर्मित है
2.अग्नि मिसाइलों के बाद भारत की प्रमुख बैलिस्टिक मिसाइल है
3सतह से 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करती है
4.पृथ्वी मिसाइल दो लिक्विड प्रपल्शन इंजन से चलती है
5.500 से 1000 किलो वजनी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
6.पृथ्वी-2 8.56 मीटर लंबी और 1.1 मीटर चौड़ाई है
7.483 सैकेण्ड में भरती है उड़ान,43.5 मीटर की ऊंचाई हासिल कर सकती है