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बस्तर से नक्सलियों की सालाना वसूली 11 सौ करोड़

naxal_take_tax_bastar_20161230_14931_30_12_2016विभिन्न् खुफिया एजेसिंयों की जानकारी के मुताबिक नक्सली सालाना बस्तर संभाग से लेव्ही के रूप में 11 सौ करोड़ रुपए उगाही करते हैं। इसका अधिकतर हिस्सा मुम्बई, कोलकाता व दिल्ली के ओवरग्राउंड संगठनों को दिया जाता है। बस्तर में तेलंगाना समेत बाहरी राज्यों से कथित रूप से आने वाले फैक्ट फाइडिंग ग्रुप की असल मंशा रकम में हिस्सेदारी की होती है। उक्ताशय का खुलासा गुरूवार को कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रवार्ता के दौरान आईजी बस्तर एसआरपी कल्लूरी ने दी।

बीते वर्ष का लेखा-जोखा रखते आईजी कल्लूरी ने बताया कि बस्तर की जनता दरअसल माओवादियों को खारिज कर चुकी है। इससे बौखलाए नक्सली एनजीओ ,लीगल एड, ओवरग्राउंड संगठनों समेत अग्रिम पंक्ति के संगठनों का इस्तेमाल जनता को भड़काने में कर रहे हैं। लीगल एड की सदस्यों समेत अन्य बाहरी तत्वों द्वारा अंदरूनी इलाकों में ग्रामीणों को लोकतंत्र, सुरक्षा बलों एवं सरकार के प्रति भड़का रहे हैं। ऐसी शिकायतें लगातार मिल रही हैं।

हाल में ही सुकमा जिले के धर्मपेंटा व दंतेवाड़ा जिले में लीगल एड व अन्य सफेदपोशों द्वारा नक्सलियो के पुराने नोट बदलने के मामले भी सामने आए हैं। चूंकि इस प्रकार के समूह संवैधानिक शक्तियों का सहारा लेकर संविधान को ही खोखला करने का प्रयास करते हैं, इस लिहाज से यह सशस्त्र नक्सलियों से अधिक घातक हैं।

तीन स्तर पर केंद्रित रहा नक्सल उन्मूल मुहिम

आईजी कल्लूरी के मुताबिक मिशन 2016 सफल रहा है। आपरेशन, विकास कार्यों के लिए सुरक्षा तथा स्थानीय आदिवासी नक्सलियों का बेहतर पुनर्वास। उपरोक्त तीन स्तर पर अभियान केंद्रित रहा। इसका बेहतर नतीजा भी मिला है। पुलिस आदिवासी स्थानीय नक्सलियों को नक्सली नहीं वरन नक्सल पीड़ित मानती है।

इसलिए वर्ष में 1200 नक्सलियों को प्रेरित कर मुख्य धारा से जोड़ा गया। बीते बरसों के आंकड़ों के लिहाज से वर्ष 2016 नक्सल मामलों में सर्वाधिक सफलता वाला वर्ष रहा। 29 दिसम्बर की स्थिति में बस्तर में 186 मुठभेड़ हुए। वहीं 38 जवानों की शहादत हुई तथा 111 घायल हुए। पुलिस ने मुठभेड़ उपरांत 250 हथियार बरामद किए। 2167 नग डेटोनेटर तथा 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया।

मिशन 2017 का ब्लूप्रिंट जनवरी में

आईजी ने बताया कि उनके अस्वस्थता के चलते मिशन 2017 की तैयारी में कुछ वक्त है। जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों की मीटिंग रखी जाएगी। इस दौरान मिशन का ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा। जल्द ही आगामी रणनीति बनाई जाएगी।

 

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