ईशांत ने लॉड्र्स पर भारत को 28 वर्षों बाद दिलाई जीत
लंदन। प्लेयर ऑफ द मैच ईशांत शर्मा (74-7) की धारदार गेंदबाजी के बल पर भारतीय क्रिकेट टीम ने विदेशी धरती पर तीन वर्षों का सूखा खत्म करते हुए दूसरे टेस्ट मैच के पांचवें दिन सोमवार को इंग्लैंड को 95 रनों से मात दे दी जो लॉड्र्स के मैदान पर भारत की 28 वर्षों में पहली जीत भी है। इसके साथ ही भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज में 1-० से आगे हो गई। नॉटिंघम में हुआ पहला मैच ड्रॉ रहा था। मैच के पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए जहां 214 रनों की दरकार थी वहीं भारत को जीत के लिए छह विकेट चाहिए थे। मैच के पांचवें दिन भारत को जीत के लिए वांछित छह विकेटों में से ईशांत ने अकेले पांच विकेट चटकाए जबकि जेम्स एंडरसन को अपनी ही गेंद पर रन आउट कर रविंद्र जडेजा ने इंग्लैंड की पारी 88.2 ओवरों में कुल 223 रनों पर समेट दी।भारत ने इंग्लैंड को चौथी पारी में जीत के लिए रिकॉर्ड 319 रनों का लक्ष्य दिया था। भारत ने पहली पारी में 295 रन और दूसरी पारी में 342 रन बनाए थे जिसके जवाब में इंग्लैंड पहली पारी में 319 बनाए थे। मैच के आखिरी दिन पहले सत्र में मोइन अली (39) और जोए रूट (66) के बीच पांचवें विकेट के लिए 1०1 रनों की साझेदारी ने भारत की चिंता बढ़ा दी थी लेकिन भोजनकाल से ठीक पहले ईशांत ने मोइन के रूप में पहला विकेट चटकाने के बाद मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए करियर का सर्वश्रेष्ठ फिगर हासिल किया और भारत को लॉड्र्स के ऐतिहासिक मैदान पर 1986 के बाद पहली जीत दिला दी। इस श्रृंखला में यह दूसरा मौका है जब किसी भारतीय गेंदबाज ने पारी में छह या उससे अधिक विकेट लिए हैं। लॉड्र्स टेस्ट की ही पहली पारी में भुवनेश्वर कुमार ने 82 रन देकर छह इंग्लिश बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी। साथ ही लॉड्र्स में यह पहला मौका है जब भारत के किसी गेंदबाज ने पारी में सात विकेट हासिल किए हैं। इससे पहले अमर सिंह बिशन सिंह बेदी और भुवनेश्वर ने पारी में छह-छह विकेट हासिल किए थे। ईशांत ने अब तक के करियर की श्रेष्ठ गेंदबाजी की है। इससे पहले उनका श्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन 51 रनों पर छह विकेट था। ईशांत ने करियर में एक बार मैच में 1० विकेट और छह बार पारी में पांच विकेट हासिल किए हैं।