अमेरिका रूस में सीरिया शांति वार्ता पर सहमति बनी
नुसा दुआ ( एजेंसी )। सीरिया शांति वार्ता के लिए अमेरिका और रूस में सहमति बन गई है। वे इस वार्ता के लिए संयुक्त राष्ट्र पर नवंबर के दूसरे सप्ताह में तारीख तय करने का दबाव बनाएंगे। यहां पर एशिया प्रशांत र्आिथक सहयोग शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता के बाद सोमवार को संयुक्त प्रेस कांप्रेंस में बताया कि जितनी जल्दी हो सके हम तारीख तय करने का आग्रह करेंगे। केरी ने सीरिया में रासायनिक हथियारों को नष्ट करने की प्रक्रिया को अच्छी शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि इसके लिए सीरिया की बशर अल असद सरकार को श्रेय दिया जाना चाहिए क्योंकि वह रासायनिक हथियारों को नष्ट किए जाने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का पालन कर रही है। इसमें रूस की महत्वपूर्ण भूमिका है। गौरतलब है कि हथियार नष्ट करने में संयुक्त राष्ट्र और हेग स्थित आर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वीपंस के विशेषज्ञों की टीम जुटी है। रविवार को हथियारों को नष्ट करने का पहला दिन रहा। पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में घुसकर दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकी ओसामा बिन लादेन का खात्मा करने वाले अमेरिका ने लीबिया पर इसी तर्ज पर की गई कार्रवाई को वैध ठहराया है। गत शनिवार को अमेरिकी सील कमांडो ने लीबिया की राजधानी त्रिपोली से नाजीह अब्दुल हमीद अल-रुकाई उर्फ अनस अल-लिबि को पकड़ा था। अमेरिका की इस कार्रवाई को लीबिया के प्रधानमंत्री अली जीदान ने उनके नागरिक का अपहरण करार दिया और वाशिंगटन से स्पष्टीकरण मांगा है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने अभियान का बचाव करते हुए कहा, ‘हम अलकायदा से जुड़े लोगों को दुनिया के किसी भी कोने में बचने नहीं देंगे। लिबी अलकायदा का प्रमुख नेता है। वह अमेरिकी सेना के निशाने पर था। उस पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।’ क्या अमेरिका ने इस कार्रवाई के संबंध में लीबिया को जानकारी दी थी? इस सवाल का जवाब देने से केरी ने इन्कार कर दिया। लिबी 15 साल पहले नैरोबी स्थित अमेरिकी दूतावास में बम धमाके के मामले में वांछित था। उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम था