राजनीति

दादरी के टिकट को लेकर बढ़ी रार, हाईकमान तय करेगा अब नाम

दादरी के बाद अब नोएडा में भी टिकट को लेकर घमासान तेज हो गया है। जिन दावेदारों के नाम प्रदेश हाईकमान को नहीं भेजे गए हैं, उन्होंने खफा होकर अंदरखाने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है।

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ग्रेटर नोएडा । जिले में भाजपा से विधानसभा टिकट के दावेदारों ने पार्टी की मुश्किल बढ़ा दी है। दादरी के बाद अब नोएडा में भी टिकट को लेकर घमासान तेज हो गया है। जिन दावेदारों के नाम प्रदेश हाईकमान को नहीं भेजे गए हैं, उन्होंने खफा होकर अंदरखाने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है।

वे अपने-अपने आकाओं के यहां दबाव बनाकर अपना नाम जुड़वाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। इससे पार्टी को अंदेशा है कि यदि टिकट को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष पनपा तो इसका खामियाजा प्रत्याशी को भुगतना पड़ सकता है।पार्टी के वरिष्ठ नेता, दावेदारों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें समझाने का प्रयास करने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार जिला और क्षेत्रीय स्तर पर एक नाम पर सहमति न बन पाने के कारण निर्णय लिया गया कि अब केंद्रीय हाईकमान एक का नाम तय करेगा। हाईकमान के फैसले को सबको मानना पड़ेगा। जिला इकाई ने भी इस संबंध में पार्टी हाईकमान को पत्र भेजा है।

दादरी और जेवर सीट पर अन्य दलों के मुकाबले इस बार टिकट मांगने वालों की संख्या भाजपा में अधिक रही। दावेदारों की बढ़ती संख्या से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पहले से ही डर सताने लगा था। चुनाव की घोषणा से पहले कई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि दावेदारों की अधिक संख्या मुश्किल बढ़ा सकती है।जिसको टिकट नहीं मिलेगा, वह आगे चलकर विरोध कर सकता है। पार्टी नेताओं का यह अंदेशा अब सच होने लगा है। दादरी विधान सभा सीट से जिन दावेदारों के नाम प्रदेश हाईकमान को नहीं भेजे गए, उन्होंने शुक्रवार कई स्तरों पर अपना विरोध प्रकट किया।

टिकट के प्रमुख दावेदार बिजेंद्र भाटी, श्रीचंद शर्मा, इंद्र नागर, देवा भाटी, सरजीत नागर, डाक्टर अशोक नागर, इंद्रजीत टाइगर ने अभी अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी है। सभी ने शुक्रवार को अपने-अपने आकाओं के यहां जाकर टिकट के लिए दबाव बनाया।

नेताओं ने अपने-अपने लिए टिकट मिलने का दावा किया। हाईकमान से किस के नाम की घोषणा होगी, यह तो अभी भविष्य की गर्त में है, लेकिन इससे पार्टी के लिए मुश्किल बढऩी शुरू हो गई है।

नोएडा में टिकट बदलने के लिए मचा घमासान

नोएडा विधान सीट पर भाजपा की विमला बाथम विधायक है। उनका फिर से चुनाव लडऩा तय माना जा रहा है, लेकिन वैश्य समाज इस बार किसी अन्य के लिए टिकट की पैरवी कर रहा है।

वैश्य भाजपा का परंपरागत वोट माना जाता है। नोएडा, दादरी और जेवर में काफी संख्या में वैश्य समाज के वोट हैं, इसलिए भाजपा वैश्य समाज को नाराज नहीं करना चाहती है। सूत्रों के अनुसार अभी तक विमला बाथम का टिकट तय माना जा रहा था, लेकिन अब उनके टिकट पर विचार होने लगा है।

सूत्रों का कहना है कि विधायक की कार्यप्रणाली से कुछ लोग नाराज है, इसलिए वे केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा पर भी नोएडा से टिकट बदलवाने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि, जिस तरह से उपचुनाव में विमला बाथम ने एकतरफा जीत हासिल की थी, उससे उनका टिकट कटना आसान भी नहीं है।

भाजपा के जिलाध्यक्ष विजय भाटी ने कहा कि भाजपा में कोई अंदरूनी गुटबाजी नहीं है। सब एक हैं और मिलकर चुनाव लड़ेंगे। भाजपा के अंदर लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई जाती है, इसलिए टिकट के लिए दावेदारी करना प्रत्येक कार्यकर्ता का अधिकार है। हाईकमान जिसका भी नाम तय कर देगा, सभी मिलकर उसे चुनाव लड़ाएंगे। इस बार भाजपा जिले की तीनों सीटों पर विजय हासिल करेगी।

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