लखनऊ। राजधानी में मोहनलालगंज के बलसिंहखेड़ा गांव के प्राइमरी स्कूल में दरिन्दगी का शिकार हुई महिला के मामले में बुधवार को राज्यपाल से न्याय की गुहार लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग को लेकर मृतका का देवर हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ गया। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। घटना के खुलासे को लेकर जहां लखनऊ पुलिस पहले से ही शक के घेरे में हैं वहीं रही सही कसर पोस्टर्माटम रिपोर्ट ने निकाल दी जिसमें मृतका की दोनों किडनी होने की बात कही गयी है जबकि पीड़ित पक्ष महिला द्वारा एक किडनी अपने पति को देने का दावा कर रहा है। धरना दे रहे शशिधर मिश्रा ने अपनी भाभी की पोस्टर्माटम रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज किया और कहा कि जब तक राज्यपाल की ओर से घटना की निष्पक्ष जांच का आश्वासन नहीं मिलेगा वह धरने पर डटा रहेगा। जनपद देवरिया निवासी शशिधर ने कहा ‘‘मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों किडनी की पुष्टि हुई है। साथ ही उम्र 25 वर्ष दर्शाई गई है। जबकि मृतका की उम्र 3० से 35 वर्ष के बीच थी। वहीं 15 अक्टूबर 2०11 को मृतका ने अपनी एक किडनी डोनेट कर दी थी। जिसका ब्योरा अभी भी पीजीआई रिकार्ड में है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले में लीपापोती कर किसी रसूखदार को बचाने में जुटी है।’’ शशिधर ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा संघर्ष जारी रहेगा। वहीं शशिधर के समर्थन में आए कई सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन कर दोषियों को फांसी पर लटकाये जाने समेत घटना की सीबीआई जांच की मांग संबंधी ज्ञापन राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को सौंपा। आश्रय फाउण्डेशन के अभिषेक मिश्रा ने कहा पुलिस की कहानी अविश्वसनीय और संदेह पैदा करने वाली है। सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना होगा। महिलाओं को सम्मान के साथ जीने के अधिकार हैं। लोगों को महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी होगी तभी समाज का समुचित विकास हो सकता है।