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जम्मू कश्मीर विधानसभा में 79,472 करोड़ का बजट पेश, सबको खुश करने की कोशिश

जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से वर्ष 2017-18 के लिए सरकार का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री डा. हसीब द्राबू ने कर्मचारियों, किसानों और छात्रों समेत सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश की है। कुल 79,472 करोड़ रुपये के बजट में 3137 करोड़ का घाटा अनुमानित है।

बजट में रियासत के 61000 कैजुअल कर्मचारियों को चरणबद्घ ढंग से नियमित करने का एलान किया गया। प्रथम चरण में सिर्फ प्रोजेक्टों के लिए सरकार को जमीन देने वाले कैजुअल वर्कर नियमित किए जाएंगे। कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ अगले वित्तीय वर्ष से एक अप्रैल 2018 से मिलेगा।  

बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट होने वाली फसलों को बीमा कवर दिया गया है। इसके तहत धान, सेब, और आम सहित 9 फसलें कवर होंगी। रियासत के तीन लाख निर्माण मजदूरों को भी बीमा सुरक्षा देने का एलान हुआ है जिसका फायदा उनके परिवार के लगभग 15 लाख लोगों को मिलेगा।

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सरफेसी एक्ट से बचाने के लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी

सभी सरकारी भवनों तथा कल्चरल हेरिटेज का भी बीमा होगा। इससे उन्हें संरक्षित किया जा सकेगा। सरफेसी एक्ट के तहत बैंकों द्वारा संपत्ति जब्त कर दूसरे राज्यों के निवासियों को देने की आशंकाओं को समाप्त करते हुए वित्त मंत्री ने इसके लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी बनाने की घोषणा की है। पिछले दिन अलगाववादियों ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोला था। 

बजट में युवा वर्ग को भी संतुष्ट करने की कोशिश के तहत छात्रों को ऑल टेरेन माउंटेन बाइक वितरण का एलान किया गया है। नए भर्ती नियम बनाकर बेरोजगारी कम करने की बात की गई है। वित्त मंत्री ने बताया किएक अक्टूबर से ट्रेजरी सिस्टम खत्म कर पे एंड एकाउंट्स सिस्टम लागू किया जाएगा। सभी कुछ आनलाइन पेमेंट करना होगा।

नई व्यवस्था में ठेकेदारों को नियमित भुगतान होगा जिसमें विकास योजनाएं बाधित नहीं होंगी। अब 31 मार्च को 12 बजे रात तक बिल नहीं आएंगे। अंतिम तिमाही में सिर्फ 30 प्रतिशत ही खर्च होगा। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कर्मचारियों को नियमित वेतन मिल सकेगा।

इसके तहत आंगनबाड़ी और रमसा जैसे प्रोजेक्टों के कर्मचारियों को फायदा होगा। अगले बजट में अब प्रोजेक्टों की मंजूरी से पहले उनका डीपीआर बनाकर देना होगा, तभी राशि के आवंटन की व्यवस्था होगी। 

तय समय में काम पूरे कराने की कोशिश

यह भी जरूरी होगा कि हाइड्रो प्रोजेक्ट्स तथा टनल जैसे जरूरी प्रोजेक्टों को छोड़कर अन्य मामलों में हर हाल में काम तीन साल में पूरा हो जाए। बजट मंजूर होने के बाद 10 फरवरी तक 50 फीसदी राशि वित्त विभाग से जारी कर दी जाएगी।

20 फरवरी तक सभी विभागाध्यक्षों को यह राशि जारी करनी होगी और 15 मई तक खरीदारी व टेंडरिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। पैसा विकास कार्यों पर खर्च करने का पर्याप्त समय मिलेगा। अब तक अंतिम तिमाही में 70-80 फीसदी राशि खर्च की जाती रही है।

वर्ष 2017-18 में अंतिम तिमाही में 30 फीसदी राशि खर्च की जा सकेगी और मार्च महीने में 15 प्रतिशत। 

ये हुआ सस्ता, ये महंगा

क्या महंगा  
                                                                                      
– घी पर टोल टैक्स को 80 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 235 रुपये
– रियासत के बाहर से आने वाले अखरोट, बादाम, केसर, सूखी खुमानी पर टोल टैक्स 80 रुपये से बढ़ाकर 235 रुपये प्रति क्विंटल किया
– रियासत में बाहर से आने वाली मछली पर टोल टैक्स 80 रुपये से बढ़ाकर 235 रुपये प्रति क्विंटल किया।
– रियासत के बाहर से आने वाले ड्रेस, फ्रोजन चिकन पर टोल टैक्स 80 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 235 रुपये प्रति क्विंटल किया।
– सभी तरह के तंबाकू उत्पादों पर 40 फीसदी टैक्स।क्या सस्ता

 धान, चावल, गेहूं, दालों, आटा, मैदा, सूजी और बेसन में कर रियायतें।

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