दिल्ली की इन जगहों का खौफनाक सच हिलाकर रख देगा आपको
दिल्ली में ऐसी कई जगहें हैं जो बेहद खूबसूरत हैं, मगर उनके साथ ऐसे खौफनाक सच जुड़े हैं जो आपको हिलाकर रख देंगे। हो सकता है आप इनमें से कुछ जगहों पर गए भी हों…
अब भले ही हम सभी भूतों पर यकीन ना करें, मगर डर तो जरूर लगता है। हालांकि इस डर में भी एक अलग तरह का रोमांच है, तभी तो भूतों से जुडे किस्से-कहानियों को हम बड़े ही चाव से सुनते-पढ़ते हैं या अगर किसी भुतिया जगह का पता चल जाए तो दोस्तों के साथ पहुंच जाते हैं सच की तलाश में। मगर असली रोमांच का मजा तब आएगा, जब आप ऐसी किसी जगह पर अकेले जाएं और दिल्ली में ऐसी कई जगहें हैं जो बेहद खूबसूरत हैं और कई ऐतिहासिक भी, मगर उनके साथ बेहद खौफनाक सच भी जुड़े हैं और ये जगहें कमजोर दिल वालों के लिए नहीं हैं। ऐसे में अकेले जाने का माद्दा वहीं रखें, जो खुद को साहसिक मानते हों। तो ये हैं दिल्ली की वो जगहें जहां भूतों का है बसेरा-
दिल्ली कैंट
वैसे तो इस इलाके को बेहद सुरक्षित माना जाता है, मगर रात के अंधेरे में जाने की हिम्मत कोई नहीं रखता। यहां से गुजरने वाले कई लोगों ने एक डरावनी बुजुर्ग महिला को रातों में घूमते देखा है। ये महिला यहां से गुजरने वाले लोगों को परेशान करती है।
उग्रसेन की बावली
कनाट प्लेस में भी ऐसी जगह हो सकती है, इस पर यकीन करना मुश्किल है। मगर यह सच है, आज़ादी से पहले की बनी इस बावली के बारे में कहा जाता है कि पहले इसमें काला पानी भरा रहता था, जिसमें लोग कूद कर आत्महत्या किया करते थे। वैसे पीके फिल्म में दिखाए जाने के बाद लोगों की आवाजाही यहां बढ़ गई है।
फिरोज शाह कोटला फोर्ट
कहा जाता है यहां की हवेलियों और खंडहरों पर जिन्नों का कब्जा है। आज भी यहां के लोग हर गुरुवार को आ कर मन्नत मांगते हैं। इस किले का निर्माण वर्ष 1534 में फिरोज शाह तुगलक ने करवाया था।
हाउस नम्बर W-3
लोगों का कहना है कि ग्रेटर कैलाश-1 स्थित इस घर से रात में किसी के रोने और चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती हैं। कहा जाता है कि इस घर में एक बुजुर्ग दम्पति की हत्या कर दी गई थी और महीने बाद वहीं की टंकी से उनकी बॉडी बरामद की गई थी। अब इस घर में कोई नहीं रहता है।
द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन
नाइट शिफ्ट में काम करने वाले कॉल सेंटर के लोगों की शिकायत है कि इस इलाके मे लोगों को थप्पड़ पड़ते हैं। साथ ही वो बताते हैं कि उनके कैब के आगे एक औरत आ जाती है, जो तेज रफ्तार से आगे-आगे दौड़ने के बाद अचानक गायब हो जाती है।
ख़ूनी नदी
रोहिणी के इलाके से बहती इस नदी के बारे में कहा जाता है कि कि जो भी इस नदी के सम्पर्क में आता है, ये नदी उसका ख़ून चूस लेती है। हालांकि इनमें से मौत के आधे से अधिक केसेज आत्महत्या के माने गए हैं।