हरियाणा में शासन-प्रशासन की अपील और खापों के एक गुट की बेरुखी को दरकिनार कर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने रविवार से प्रदेश भर में धरने के लिए कमर कस ली है। इसमें गुरुग्राम, मेवात व पंचकूला को शामिल नहीं किया गया है। पिछले आंदोलन में फजीहत झेल चुकी राज्य सरकार इस बार आंदोलन से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है। रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, हिसार समेत 10 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
संवेदनशील जिलों में पुलिस के साथ अर्ध सैनिक बलों ने मोर्चा संभाल लिया है। मुनक नहर, रेलवे और बस स्टेशनों पर कड़ी चौकसी रखी जा रही है। शहरों में जगह-जगह नाकाबंदी कर दी गई है। शनिवार को सुरक्षा बलों ने कई जगह फ्लैग मार्च कर जनता में सुरक्षा के प्रति विश्वास जगाने की कोशिश की।
प्रशासन ने कानून हाथ में लेने वालों, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक के आह्वान पर धरनों की तैयारी पूरी कर ली गई है। कुछ जिलों में धरनास्थल पर सहमति बन गई है तो कैथल, पानीपत, हिसार समेत कई जिलों में इसको लेकर प्रशासन और जाट आरक्षण संघर्ष समिति आमने-सामने हैं।
जिले में धारा 144 लागू करने के साथ शहर में करीब 17 जगहों पर नाकेबंदी करके हथियारबंद पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। एक कंपनी कमांडो, दो कंपनी आरएएफ, 12 कंपनी पुलिस और 2 कंपनी होमगार्ड की तैनात की गई है। शनिवार को रोहतक, पानीपत, झज्जर, सोनीपत, जींद, हिसार, फतेहाबाद, कैथल, कुरुक्षेत्र समेत तमाम जगह फोर्स ने फ्लैग मार्च किया। सभी जिलों में प्रशासन ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिए हैं। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां पहले ही रद्द की जा चुकी हैं।
मुनक नहर, सार्वजनिक स्थानों पर कड़ी सुरक्षा
करनाल, सोनीपत में मुनक नहर की सुरक्षा में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। आरएएफ लगातार नहर पर नजर बनाए हुए है। सभी जिलों में रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जेलों के इर्द-गिर्द भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सेना तैयार, सरकार के इशारे का इंतजार
अंबाला। जाट आरक्षण आंदोलन के पिछले अनुभव के चलते अंबाला में सेना भी अपनी तरफ से तैयार है। सेना के सूत्रों के अनुसार, हर जिले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। वैसे तो इस बार हालात सामान्य रहने की उम्मीद है लेकिन यदि जरूरत पड़ने पर सरकार का इशारा होता है तो सेना भी मोर्चा संभालने के लिए तैयार है।
इन जिलों में होगा धरना
रोहतक, झज्जर, सोनीपत, भिवानी, चरखीदादरी, रेवाड़ी, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल
(यमुनानगर में धरना 31 से, नारनौल में अभी कार्यक्रम तय नहीं)
(यमुनानगर में धरना 31 से, नारनौल में अभी कार्यक्रम तय नहीं)
आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगें
– हरियाणा में अध्यादेश लाकर जाट जाति को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया जाए। उसके बाद विधानसभा के सत्र में बिल लाकर हरियाणा के जाटों को आरक्षण दिया जाए।
– केंद्रीय स्तर पर जाटों को आरक्षण के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन बिल लाकर बजट सत्र में प्रदेश और केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में व्याप्त विसंगतियों को दूर किया जाए।
– हरियाणा में पिछले आंदोलन के दौरान गोली चलाने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
– आंदोलन में शहीद हुए परिवारों को उचित मुआवजा एवं उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए।
– पिछले और वर्तमान आंदोलन में दर्ज सभी मुकदमों को वापस लिया जाए और जेल में बंद युवाओं को रिहा किया जाए।
– केंद्रीय स्तर पर जाटों को आरक्षण के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन बिल लाकर बजट सत्र में प्रदेश और केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में व्याप्त विसंगतियों को दूर किया जाए।
– हरियाणा में पिछले आंदोलन के दौरान गोली चलाने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
– आंदोलन में शहीद हुए परिवारों को उचित मुआवजा एवं उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए।
– पिछले और वर्तमान आंदोलन में दर्ज सभी मुकदमों को वापस लिया जाए और जेल में बंद युवाओं को रिहा किया जाए।
सरकार वादा करने के बाद मांगें नहीं मान रही
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति रविवार से अनिश्चितकालीन धरने पर रहेगी। राज्य सरकार वादा करने के बाद भी उनकी मांगें नहीं मान रही है। इस कारण ये कदम उठाया जा रहा है। जो लोग आंदोलन को खत्म करने या समझौते को लेकर सरकार से बातचीत कर रहे हैं, वह सरकार के एजेंट हैं और आंदोलन को सफल नहीं होने देना चाहते हैं।
– यशपाल मलिक, अध्यक्ष अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति।
– यशपाल मलिक, अध्यक्ष अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति।